आईएएस-आईपीएस की तैयारी के लिए अक्सर सुनने को मिलता था कि आठ, दस, बारह घंटे तक की पढ़ाई चाहिए। लेकिन मेरा ऐसा मानना नहीं था। मेरा विचार था कि आप यदि चार घंटे भी पढ़ाई कर रहे हैं तो एकाग्र होकर करें। सफलता जरूर मिलेगी, और यही हुआ भी। मैंने इसी पैटर्न पर घर पर रहकर तैयारी की और वाहेगुरू ने आज कामयाबी दी। ये कहना है मुरादाबाद की अभिलाषा कौर का जिन्होंने शुक्रवार को जारी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल्स परीक्षा के अंतिम परिणाम में 292वीं रैंक हासिल की है।
मुरादाबाद के शंकर नगर लाइनपार निवासी और खालसा इंटर कॉलेज नूरपुर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. कोमल सिंह और किरन बाला की बेटी अभिलाषा कौर ने अपनी माध्यमिक शिक्षा केसीएम स्कूल मुरादाबाद से पूरी की है। उन्होंने लखनऊ से बीटेक करने के बाद राजनीति शास्त्र में परास्नातक किया है। टीवी पर आने वाले आईपीएस से संबंधित एक नाटक उड़ान देखकर उन्हें लगता था कि उनमें भी सिविल सेवक बनने की क्षमता है। उसमें एक आईएएस अधिकारी से वह काफी प्रेरित थीं।
अभिलाषा बताती हैं कि दो बार नेट उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने सिविल्स की तरफ रुख किया और 2015 में तैयारी शुरू की थी। अपने तीसरे प्रयास में वह साक्षात्कार तक तो पहुंचीं लेकिन कुछ कारणों से अंतिम सूची में उनका नाम नहीं आया। यह असफलता भी उनके भविष्य के लिए बड़ी प्रेरणा बनी। 2020 में उनका पांचवां और अंतिम प्रयास था, जिसमें उनको सफलता मिली है। अभिलाषा ने बताया कि उन्होंने इस बीच किसी प्रकार की कोचिंग का सहारा नहीं लिया। यू-ट्यूब पर आने पर सफल आईएएस-आईपीएस के इंटरव्यू और प्रशिक्षकों की नियमित कक्षाओं के सहारे तैयारी की है। दिल्ली से अध्ययन सामग्री मंगाई थी। तीसरे प्रयास में साक्षात्कार के जरिये उन्हें पता लग गया था कि किस तरह के सवाल किए जाते हैं। इसका लाभ इस बार के साक्षात्कार में हुआ। इस बीच सोशल मीडिया का प्रयोग वह केवल समसामयिक मुद्दों पर समाज का नजरिया जानने के लिए करतीं थीं।
महिला सुरक्षा और साइबर क्राइम पर करेंगी काम
अभिलाषा का कहना है कि रैंक के मुताबिक उन्हें आईपीएस कैडर मिल सकता है। उत्तर प्रदेश में रहना उनकी पहली पसंद है। उनका हमेशा से आईपीएस बनने का सपना था। आईपीएस बनने के बाद उनका पहला जोर अपनी तैनाती क्षेत्र में महिला सुरक्षा को मजबूत करना और साइबर अपराध को रोकना होगा।
उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपनी बेटियों पर विश्वास करके और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए। उन्होंने अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता और भाइयों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि मां ने हमेशा मित्र की तरह मुझे हौसला दिया है।