भारत देश में अभी भी कई ऐसे जानवर है जिनकी संख्या ज्यादा है और उन्हें देखरेख करने वाले लोग कम या फिर आप कह सकते हैं लोग उन्हें ज्यादा पसंद नहीं करते लेकिन आज हम बात करने वाले हैं कुत्ते की जो कि भारत देश में है तो काफी लोगों ने पसंद करते हैं लेकिन अब धीरे-धीरे लोगों की पसंद पर अंतर आता जा रहा है और उन्हें सड़क छाप कुत्तों से अच्छे विलायती कुत्ते लगने लगे हैं और वह अपने घर के अंदर केवल उन्हीं कुत्तों को पालते हैं ज्योति देखने में सुंदर और विलायती होते हैं जिसके चलते धीरे-धीरे करके सड़क छाप कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है जो आने वाले समय में भारत देश के लिए चिंता का विषय बन सकती है अगर उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
इसी प्रकार से भारत देश में एक परिवार ऐसा भी है जो कि रोजाना ढाई सौ से 300 रोटियां बना कर सड़क छाप कुत्तों को खिलाता है और उनकी भूख को शांत करता है इस काम के लिए इस परिवार को लगभग 25 किलो से भी ज्यादा के आटे का खर्चा जाता है परिवार पिछले कई सालों से इतना नेक कार्य कर रहा है जिसकी तुलना करना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि ऐसे बहुत ही कम लोग भारत देश में मौजूद है जो ऐसा काम कर रहे हो और अपने से हटकर किसी जीव जंतु के बारे में सोच रहे हैं।
भूखे कुत्तों के अलावा यहां परिवार अन्य कई जानवरों को भी खाना खिलाता है जिसमें लगभग उनका हर महीने 30 से ₹35000 खर्चा आ जाता है यह उनकी दरियादिली है कि वह इतना नेक काम कर रहे हैं और लोगों को उनको पूरा सपोर्ट मिल रहा है वह लगभग 5000 बिस्कुट भी जानवरों को खिलाते हैं हर महीने क्योंकि उन्हें ऐसा कार्य करने में प्राप्ति होती है और वह समझते हैं कि अगर हम किसी की मदद करते हैं तो इससे पुण्य का काम कोई और नहीं हे।