UPSC की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों उम्मीदवार इसकी तैयारी करते हैं, उनमें से कुछ ही पहले प्रयास में IAS अधिकारी बन पाते हैं। इन्हीं में से एक है आईएएस अधिकारी हिमांशु नागपाल का नाम। कई समस्याओं के बावजूद अपनी मेहनत और सच्चे समर्पण से हिमांशु के आईएएस बनने की कहानी सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। आइए एक नजर डालते हैं उनके सफर पर
हिमांशु नागपाल हरियाणा के एक गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने हिंदी मीडियम से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है। इंटरमीडिएट के बाद हिमांशु पढ़ाई के लिए निकला और उसके पिता भी उसके साथ चले गए। कॉलेज में टॉपर के नाम का एक बोर्ड लगा था जिस पर उसके पिता ने देखा और कहा कि मैं आपका नाम यहां देखना चाहता हूं।
ग्रेजुएशन के दौरान उनके पिता का एक्सीडेंट हो गया और उनकी मौत हो गई। हालाँकि, हिमांशु ने अपने पिता की अंतिम बातों को बहुत गंभीरता से लिया और बहुत गंभीरता से अध्ययन किया। यही वजह थी कि उन्होंने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया
पिता की मौत के बाद हिमांशु की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया जब वह पूरी तरह टूट गए। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहे, दरअसल हिमांशु के पिता की मृत्यु के कुछ महीने बाद ही उनके भाई की भी मृत्यु हो गई थी। हिमांशु अपने पिता और बड़े भाई की आकस्मिक मृत्यु से तबाह हो गया था। जिससे वह पढ़ाई से दूर होने लगा और घर पर ही रहने लगा
उसके चाचा ने उसकी देखभाल की और उसे पढ़ने के लिए भेज दिया। हिमांशु ने तय किया था कि वह किसी भी हाल में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनेगा। हिमांशु ने यूपीएससी की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली थी। इसका पूरा श्रेय वह अपने पिता को देते हैं। हिमांशु नागपाल की कहानी सभी छात्रों के लिए बहुत प्रेरणादायक है
हिमांशु का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी एक ही प्रकाशन से होनी चाहिए। क्योंकि किसी किताब को बदलकर उसे पढ़ना किसी भी विषय को भ्रमित करता है। यह परीक्षा को भी खराब करता है