दुल्हन ने समाज के लिए पेश करी एक मिसाल “दुल्हन की रीड की हड्डी टूटी “होने के बावजूद भी करी उससे शादी

यह बात तो आप सभी लोगों को पता होगी कि हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में कभी ना कभी शादी तो अवश्य ही करनी होती है। लेकिन आपका जीवन साथी आपका किस हद तक ख्याल रखता है या तो आपको शादी के बाद ही पता चलेगा। लेकिन आज हम आप सभी लोगों को एक ऐसी घटना के बारे में बताने वाले हैं जिसे सुनने के बाद शायद आपका मन मन भी भावुक हो उठे।आज हम आप लोगो को एक ऐसी शादी के बारे में बताने वाले है जो बिल्कुल फिल्म” विवाह” से मिलती जुलती है। हम आप सभी लोगों को बताना चाहते हैं कि प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके में रहने वाली “आरती जी शादी 8 दिसंबर को अवधेश नाम के युवक के साथ” होने वाली थी।
लेकिन जिस दिन बारात आने वाली थी उससे कुछ वक्त पूर्व उन्होंने अपने भतीजे को छत से गिरते हुए बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी। जिसके चलते उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और उसके कारण उन्होंने अपने पैरो की शक्ति खो दी , जिसके बाद आरती के घर वालों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया और उनका हर शंभाव इलाज कराया।

दरअसल, प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके की रहने वाली आरती ने अपनी शादी की तैयारियां पूरी कर ली थीं और बारात 8 दिसंबर की शाम को पहुंचनी थी, लेकिन आरती अपने तीन साल बचाने के लिए दोपहर में छत से नीचे आ गई- बूढ़ा भतीजा जो छत पर खेल रहा था गिरि. दुर्घटना में उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और उसने अपने दोनों पैरों की ताकत खो दी थी। परिजनों ने उसे प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

दूल्हे अवधेश के परिवार को इसकी सूचना दी गई तो उसके घर के दो लोग पता लगाने आए। मामले की सच्चाई और घटना की जानकारी दूल्हे अवधेश को भी दी गई. आरती के घरवालों ने अवधेश को आरती की छोटी बहन से शादी करने के लिए कहा लेकिन अवधेश ने तय कर लिया था कि आरती उसकी जीवन साथी होगी चाहे कुछ भी हो, वह जीवन भर उसके साथ अपना जीवन बिताएगा।

अवधेश अपनी धर्मपत्नी आरती का पूरा ख्याल रखते हैं। आस-पास खड़े परिजन और परिजन इन दोनों के हौसले और पराक्रम को सलाम करते हैं।उधर, आरती के परिवार ने डॉक्टर से बात की और उसे एक दिन के लिए एंबुलेंस से वापस कुंडा ले गए, जहां बिस्तर पर पड़े अवधेश और आरती ने सात फेरे व अनुष्ठान किए. उसके बाद आरती को वापस प्रयागराज के उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अवधेश और आरती खुद को बहुत खुशकिस्मत मानते हैं कि उन्होंने एक-दूसरे का साथ देकर लोगों के लिए एक मिसाल कायम की है, जहां परछाई उन्हें मुसीबत में छोड़ देती है। अवधेश ही अब रियल लाइफ हीरो बन गए हैं। इन दोनों के इस फैसले से हर कोई इनकी जमकर तारीफ कर रहा है।