पारीक माता पिता का सपना होता है कि उनका बेटा या बेटी एक काबिल नौकरी करें जिससे कि उन्हें आने वाले समय में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसे मोड़ आ जाते हैं जहां पर ना चाहते भी कुछ ऐसे डिसीजन लेने पड़ते हैं जिसकी कभी भी कोई कल्पना नहीं करी जा सकती।
सचिन उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले जौनपुर में एक छोटे से गांव में खर्जून के रहने वाले हैं सचिन के पिता संजय सिंह प्राथमिक विश्व विद्यालय में प्रधानाचार्य के तौर पर कार्यरत हैं उनका परिवार आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत नहीं था लेकिन उनके पिता ने अपने बेटे की पढ़ाई पूरी कराने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी सचिन ने अपने जीवन की शुरुआती पढ़ाई तो सेंट जेवियर स्कूल बदलापुर के गांव में स्कूल से कि उस वक्त वह पढ़ाई में ज्यादा बेहतर नहीं थे।
इसीलिए उन्होंने साल 2010 में 10वीं की और उसके बाद उन्होंने अपने आगे की सभी पढ़ाई लखनऊ में जाकर करें यहां उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई स्कूल से 12वीं की कक्षा पास करें इसके बाद उन्होंने अपने जीवन में आईआईटी की तैयारी करना शुरू कर दी पढ़ाई लिखाई में अच्छा होने के कारण उनका में सिलेक्शन भी हो गया जहां पर जाने के बाद उन्होंने कंप्यूटर साइंस से बीटेक की पढ़ाई करि।
सचिन को जब पता चला कि उनके पिता की इच्छा है कि वह देश की सेवा करें हम आप सभी लोगों को बताना चाहते हैं कि सचिन ने अपने पिता की इच्छा के बाद ही प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी करना शुरू कर रहा और सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी शुरू हो गई शुरुआत में उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई लेकिन उन्हें मेहनत और प्रयास लगातार जारी रखा और उन्होंने अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखने के लिए दिल्ली जाकर अपनी तैयारी शुरू करें लेकिन सन 2020 में जब उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल कर दी तो उन्होंने अपने सपने को पूरा किया और इसी के साथ ही साथ अपने पिता के उस सपने को हासिल कर दिया जो कि उनके बरसों पुराना सपना था। उन्होंने कहा यार केवल और केवल मेरे माता-पिता की बदौलत ही हुआ है क्योंकि अगर वह मुझे इस पेपर के लिए प्रोत्साहित ना करते तो आज मैं इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता है उनका नाम ना रोशन कर पाता है आज मैंने अपने पिताजी का वहां सपना पूरा किया है जो कि उन्होंने बरसों पहले देखा था।