बचपन में भूखे पेट सोना पड़ता था लेकिन आज बन बैठे हैं करोड़ों के मालिक, जाने कैसे हासिल करी यह सफलता……..

आप सभी दोस्तों को को एक ऐसी कहानी सुनाने वाले हैं जिसे सुनकर शायद आपको यकीन भी ना हो आज की कहानी में हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं जिनका जीवन बड़े ही अभावों में बीता है और उन्होंने बचपन से ही बहुत संघर्ष करा है अपने इस तकदीर को लिखने के लिए जिस पर आज वह कायम है। वह पुरानी कहावत है ना कि आप शुरुआत में जितने दुख और दर्द भेजते हो आपको भविष्य में उतना ही सुख और खुशी भरा जीवन मिलता है बस शर्त यह है कि आप अपने जीवन में कभी भी मेहनत और लगन में कमी ना आने दो और अपनी मंजिल को पाने के लिए हमेशा मेहनत करते रहो एक ना एक दिन सफलता आपके कदमों में जरूर होगी।

भंवरलाल आर्य की पूरी कहानी

गरीबी ने सिखाया जीवन का असली मतलब राजस्थान के रहने वाले भंवर लाल आर्यभट्ट को वैसे तो वहां भेज दिया रामदेव जिंदगी जी रहे थे और उनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं थी लेकिन भंवरलाल की जिंदगी हमेशा से इतनी सुख और समृद्धि नहीं थी उन्हें यहां धन और दौलत अपने पूर्वजों से नहीं मिली है बल्कि उन्होंने इतना बड़ा नाम और रुतबा केवल और केवल अपने दम पर खड़ा किया है जब पेट को भूख का एहसास होता है तो उसे क्या कुछ नहीं झेलना पड़ता किस बात की आप कल्पना भी नहीं कर सकते क्योंकि भूख को मिटाने के लिए उनके पास आने तक के पैसे नहीं थे जब उन्होंने यहां दिल देखे थे बचपन से ही जीवन में गरीबी और आर्थिक तंगी का सामना किया है जिसकी वजह से उन्हें पेट भरने के लिए हमेशा से बचपन में ही मजदूरी करनी थी पेट की भूख को मिटाना पढ़ा था उन्होंने इतनी मेहनत और संघर्ष किया कि आज जगह उन्हीं के चर्चे है।

भंवर लाल आर्य का जन्म 1 जून को राजस्थान के कल्याणपुर तहसील के ढाणी में हुआ था। लेकिन इस बच्चे ने अपनी जान से ही मांग गरीबी परेशान किया हो भंवरलाल आधे के परिवार भी नदी गरीबी में जीवन व्यतीत करते थे भंवरलाल आर्य के परिवार बेहद गरीब थे यहां तक कि उनके माता-पिता को पीने का पानी भरने के लिए भी अपने गांव से करीब 6 से 7 किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाना पड़ता था हर रोज।

भंवरलाल आज भी जीते हैं एक सादगी भरा जीवन

आज भंवरलाल भारत देश में इतने जाने-माने व्यक्ति बन गए हैं इसका आपको अंदाजा भी नहीं है सोशल मीडिया के जरिए उन्हें आए दिन लोगों का प्यार मिल रहा है इसके साथ ही साथ उन्होंने अपने छोटे भाई के लिए जनता टेक्सटाइल नाम की बड़ी कंपनी की भी नींव रखी है जो आज धीरे-धीरे पूरे भारतवर्ष में अपनी पकड़ बना रही है इस कंपनी का व्यापार पूरे भारत में इतनी तेजी से बढ़ रहा है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते लोग जमकर उस पर अपना प्यार बरसा रहे हैं इतने ज्यादा अमीर होने के बावजूद भी भंवरलाल एक सादा और सुखद जीवन जीते हैं वहां बिल्कुल भी घमंडी व्यक्ति नहीं हैं और उनका बिल्कुल सीधा सा दिनचर्या होता है। और वह बिल्कुल आम व्यक्तियों की तरह अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
इन सभी के साथ ही साथ भंवरलाल एक जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं और लोगों की भावनाओं को बहुत ज्यादा अच्छे से समझते हैं।