भारत देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी है और इसे पास करने का सपना लगभग करोड़ों व्यक्ति रहते हैं लेकिन इस सपने को हासिल केवल कुछ लोग कर पाते हैं क्योंकि इस परीक्षा को पास करने के लिए दृढ़ संकल्प और कई वर्षों की मेहनत लगती है जो कि हर एक व्यक्ति के बस की बात नहीं और कुछ व्यक्तित्व प्रयास करने के बावजूद भी दूर हो जाते हैं और कह सकते हैं कि कुछ हद तक किस्मत का खेल भी है। जिन्होंने बिना किसी कोचिंग की मदद से अपने प्रयास और दिन-रात की मेहनत के बदौलत आईएएस अधिकारी बन दिखाइए और अपने परिवार का नाम रोशन किया।
आईएएस सलोनी वर्मा
झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली हैं आईएएस अधिकारी सलोनी वर्मा जो कि एक मध्यम परिवार से तालुकात रखते हैं और स धोनी ने अपने शुरुआती पड़े जमशेदपुर से ही पूरी करेंऔर उसके आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली आ गई वहां पर आने के बाद उन्होंने अपने इंटरमीडिएट और हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करी जहां पर हमने अच्छे मांस खाते थे उसके बाद ही उनके इतने लंबे सफर की शुरुआत शुरू हुई। इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करी और उसी के साथ साथ उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने की शुरू कर दी और निर्णय लिया था कि भाई आईएएस अधिकारी बनेगी और उन्होंने बिना किसी कोचिंग संस्था की मदद से यह कीर्तिमान हासिल करें और अपने सपने को साकार किया। आज हम आप सभी लोगों को एक ऐसी लड़की की कहानी सुनाने वाले हैं .
सलोनी बर्मा फॉर यूपीएससी की परीक्षा में अपने पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली लेकिन वह बिल्कुल भी निराश नहीं हुई और पूरे परिवार के साथ उन्होंने दूसरी परीक्षा दी जाए और उन्हें सफलता मिली और उन्होंने अपने सपने को साकार किया और वह करोड़ों हिंदुस्तानियों के लिए प्रेरणा बन गई है।