आईएएस बनने के लिए अभ्यर्थी को सर्वप्रथम यूपीएससी देते हैं कठिन परीक्षा को पास करना होता है। यह भारत के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। हर वर्ष लगभग करोड़ों बच्चे इस कठिन परीक्षा के लिए तैयारी करते हैं ,लेकिन उनमें से केवल कुछ ही ऐसे होते हैं। जो कि सफलता पाते हैं और अपनी मंजिल तक पहुंच पाते हैं। लेकिन आज हम आप सभी लोगों को एक ऐसी कहानी सुनाने वाले हैं जिसे सुनने के बाद आपको भी लगेगा कि किस तरह बेटियां भारत का नाम किस प्रकार से रोशन कर रहे हैं।
बिहार के छपरा जिले की रहने वाली श्वेता कुमारी आज एक ीसी कामयाब लड़कियों में से एक हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र के साथ-साथ पूरे भारत का नाम रोशन किया है। पुरे परिवार को श्वेता पर बेहद गर्व है क्योंकि उन्होंने काम ही कुछ ऐसा कर दिखाया है। उनके पिता इस दुनिया में नहीं है श्वेता के पिता इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। उन्होंने इस कठिन परीक्षा की तैयारी केवल और केवल सेल्फ स्टडी के डीएम पर करी है। उन्होंने इसमें किसी भी प्रकार के इंस्टिट्यूट की मदद नहीं ली है।
उन्होंने इतना ही नहीं बल्कि जॉब करने के साथ-साथ अपनी तैयारी जारी रखी और इतनी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने सपने को साकार किया। उन्होंने जॉब करने के साथ-साथ रात देर रात तक पर पढ़ाई करें और इस मुकाम तक पहुंचे। उन्होंने अपने पिताजी का सपना पूरा करें श्वेता की मां का कहना था कि श्वेता को बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनने का सपना था क्योंकि वह हमेशा अपने पिता को फॉलो करते थे और इस वर्ष यूपीएससी घोषित नतीजे में उन्होंने 456 वी रैंक हासिल कर सपना पूरा किया। उनके पिताजी से पहले यूपीएससी की तैयारी कर चुके थे। लेकिन उनके पिता को इस कठिन परीक्षा में सफलता हाथ नहीं लगी थी। जिसके कारण वह भी जीवन में थोड़े निरास भी थे।