मां का हो गया था “निधन UPSC की तैयारी के दौरान “,लेकिन हिम्मत नहीं हारी 14 वी रैंक लाकर बनी आईएएस अधिकारी …..

जिंदगी हर एक व्यक्ति के कड़ा इम्तिहान लेती है लेकिन जो व्यक्ति उस कड़े इंतिहान को अपनी दृढ़ निश्चय और संकल्प के साथ पार कर लेता है सफलता भी उसे ही मिलती है क्योंकि जो उस मुकाम के हकदार होते हैं केवल वही इतनी बड़ी पोस्ट को हासिल कर पाते हैं आज हम आप सभी लोगों को यूपीएससी के निर्धारण को क्लियर करने वाली एक ऐसी अभ्यर्थी के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अपने जीवन के हर एक मोड़ पर संघर्ष किया लेकिन कभी भी अपने रास्ते से डगमगाए नहीं और निडर होकर आगे बढ़ती रहें और आज लाखों नौजवान युवकों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं कि आखिर हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में किस प्रकार से आगे बढ़ना चाहिए और कैसे निडर होगा अपनी मंजिल तक पहुंचना चाहिए। आज हम आप सभी लोगों को आईएएस अंकिता चौधरी की पूरी कहानी सुनाने वाले हैं जिन्होंने अभी कुछ दिनों पहले आईएएस की परीक्षा को सफल कर अपने मंजिल हासिल कर ली और अपने गांव तथा क्षेत्र का नाम रोशन करें।

14 वि रैंक हासिल करी थी बनी थी IAS अधिकारी

उन्होंने अपने दूसरे पर याद में इस परीक्षा में सफलता हासिल करें और सन 2018 में पिता ने पूरे इंडिया में चौधरी रैंक हासिल कर यूपीएससी की परीक्षा में पास हो कर अपने सपने को पूरा किया इसके साथ ही उन्होंने अपने आईएएस अधिकारी बनने के सपने को पूरा कर अपने परिवार का नाम भी रोशन करा यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अंकिता का सुझाव है कि अभ्यास की तैयारी पर विशेष ध्यान देना चाहिए अंकिता का कहना है कि छात्रों को अपने विषय का चुनाव हमेशा अपनी ताकत को देखते हुए करना चाहिए क्योंकि अगर आप उसका निर्णय लेंगे तो आपको सफलता मिलने में आसानी होगी इसके लिए कम से कम पुस्तकों का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि अगर वह ज्यादा से ज्यादा पुस्तकों का इस्तेमाल करेगा तो वह बहुत ज्यादा कंफ्यूज हो जाएगा जिसके चलते उसे आने वाले पेपर में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है आईएएस अंकिता ने यह साबित कर दिया कि यदि मन में हो और आप मेहनत करने से कभी पीछे ना हो तो मंजिल आपके कदम जरूरी है और आपको आपकी मनचाही सफलता अवश्य मिलती है सच्चे मन से करी गई मेहनत कभी भी बैठ नहीं जाती आपको उसका परिणाम अवश्य मिलता है।