लेफ्टिनेंट नवदीप :12 आतंकियों को मौत के घाट उतार देश के लिए सर्वोच्‍च बलिदान दे गए

सेना हर देश का गौरव है भारत की सेना भी भारतीयों के लिए गर्व का एक हिस्सा है। हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर हम अपनी सेना की ताकत देखते हैं, लेकिन आज हम आपको भारत की उन ताकतों के बारे में बताएंगे जो दुनिया की सबसे खतरनाक और मशहूर ताकतों में शुमार हैं.

 

1. मार्कोस फोर्स : मार्कोस के पास लगभग 1,200 कमांडो हैं, जिनका गठन 1987 में किया गया था। अमेरिकी नेवी सील के बाद यह एकमात्र विशेष बल है जो अपने सभी हथियारों से पानी में दुश्मन से लड़ सकता है।यह भारतीय नौसेना का एक विशेष बल है।

 

2.पैरा कमांडो फोर्स : मार्कोस के बाद पैरा कमांडो आते हैं जिन्हें भारतीय सेना का सबसे प्रशिक्षित स्पेशल फोर्स माना जाता है। इनका गठन 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान हुआ था। इसकी खास बात यह है कि पैरा कमांडो 3 हजार से ज्यादा कूदने में माहिर होते हैं। ये पैरा कमांडो ही थे जिन्होंने 1971 और 1991 के कारगिल युद्धों के दौरान पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। ये भारतीय सेना का अहम हिस्सा हैं।

 

3.घातक फोर्स : भारतीय सेना की एक विशेष कंपनी है जो ‘मैन टू मैन असॉल्ट’ के दौरान बटालियन का नेतृत्व करती है। वे दुश्मन के तोपखाने पर हमला करने में माहिर हैं। उन्हें दुश्मन से आमने-सामने लड़ना पड़ता है। घातक बल के जवान इतने मजबूत होते हैं कि एक युवक का वजन 20 लोगों तक हो सकता है।

 

4.गरुड़ कमांडो फोर्स : भारतीय वायुसेना की इस टुकड़ी में करीब 2 हजार कमांडो हैं। अत्याधुनिक हथियारों से लैस, बल को विशेष रूप से हवाई हमलों, हवाई हमलों, विशेष युद्ध और बचाव कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है।

 

5.राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) : राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी एनएसजी भारत में सबसे प्रमुख सुरक्षा बल है। इसका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने और राज्य में आंतरिक अशांति को संभालने के लिए किया जाता है। इसे आमतौर पर एनएसजी, ब्लैक कैट या कमांडो के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद की गई थी।

 

6.विशेष सुरक्षा बल (SPG) : इस विशेष बल का गठन 1988 में किया गया था। इसका मुख्य कार्य पीएम, पूर्व पीएम और उनके परिवार की रक्षा करना है। इसका गठन राजीव गांधी की हत्या के बाद हुआ था। इन बलों के कमांडो के पास कई अत्याधुनिक हथियार हैं।

 

7.कोबरा : दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अर्धसैनिक बलों में से एक है। इसका गठन 2008 में हुआ था। उन्हें विशेष गोरिल्ला प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसके माध्यम से वे भेष बदलने और घात लगाने में माहिर होते हैं।