हर एक व्यक्ति की सफलता के पीछे कोई ना कोई संघर्ष की कहानी अवश्य होती है जिसके बारे में लोगों को तभी पता चलता है जब वह व्यक्ति सफलता को हासिल कर लेता है अन्यथा कुछ व्यक्ति तो ऐसे होते हैं जिनकी सफलता ना प्राप्त होने के कारण उनकी परिश्रम और असफलताओं की कहानी लोगों तक पहुंच भी नहीं पाते लेकिन आज हम आप सभी लोगों को ऐसी लड़की की कहानी सुनाने वाले हैं जिसे सुनने के बाद शायद आप सभी लोगों की आंखों से आंसू आ जाए। आज की कहानी मैम आप सभी लोगों को सुनीता के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया है जो कि हर एक बच्चे का सपना होता है।
पति की मौत के बाद मां ने दिन रात मेहनत कर बेटी को पढ़ाया था
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के एक छोटे से कस्बे मौदहा में रहने वाली हैं सुमित्रा जो सब्जी बेचने का काम किया करती थी परिवार में दो बेटे थे और तीन बेटियां सुमित्रा के पिता मेहनत मजदूरी कर घर का कामकाज करते रहे लेकिन 14 साल पहले किसी कारणवश उनके पति की मृत्यु हो गई जिसके कारण उनके ऊपर जिम्मेदारियों का पहाड़ टूट पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दिन-रात कार्य कर अपने घर को संभाला और अपने बच्चों की पढ़ाई पूरी करें उनकी बड़ी बेटी सुमित्रा का सपना था डॉक्टर बनकर गरीब लोगों की सेवा करें सुमित्रा का मानना था कि वह अपने जीवन में ना कुछ बन पाई और ना ही अपनी पढ़ाई पूरी कर पाएगी इसीलिए उन्होंने पूरी शिद्दत के साथ अपनी बेटी को पढ़ाया और उनकी बेटी ने उनका नाम भी रोशन किया।
सुनीता ने कहा कि वह इस सफलता के बाद हमेशा गरीबों की मुफ्त में इलाज करेंगे और ज्यादा से ज्यादा गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करने की कोशिश करेंगे उन्होंने कहा मेरे पति के मेरे साथ नहीं है लेकिन आज भी मेरे भाई और मेरे मां का साथ मेरे साथ है यह मेरे लिए काफी है और मैं इसी तरीके से अपने जीवन में आगे बढ़ते रहेंगे और लोगों की सेवा करती रहूंगी जब तक मेरे बस में होगा। कुछ ऐसे ही कारनामों से बहुत लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी है और नौजवान युवक को कौन से सीख लेनी चाहिए कि किस प्रकार से वह अपने जीवन में अपने सभी कष्टों को झेलने के बाद भी अपने जीवन में आगे बढ़ रही हैं।