किस्मत किस्मत का खेल होता है कभी कोई व्यक्ति की गरीबी की जिंदगी जी रहा होता है तो कोई व्यक्ति अपने जीवन शान और शौकत के साथ मेरे दिल का दर्द होता है बस इतना सा होता नहीं की परिस्थितियों में अंतर होता है लेकिन आज हम आप सभी लोगों को एक ऐसे युवक की कहानी सुनाने वाले हैं जिन्होंने सड़क पर भीख मांगने का कार्य करते थे लेकिन जब उसकी किस्मत चलती तो आज कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं और लाखों लोगों की उम्मीदों पर टिकी है।
जयावेल (JAYAVEL) का सड़क से अमेरिका तक का सफर
जयावेल (JAYAVEL) जब सिर्फ़ 3 साल के थे, तभी उनके पिताजी का देहांत हो गया था। वे तीनों भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। पिताजी के देहांत के बाद उनकी माँ को शराब की आदत लग गयी, जिसके कारण वे अपने बच्चों का ध्यान नहीं रख पाती थीं। इन बच्चों को भूख मिटाने के लिए सड़कों पर भीख मांगने पड़ती थी। फिर एक दिन सुयम चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक, उमा और मुथुराम ने इन बच्चों का जीवन बदल दिया। उन्होंने इन तीनों बच्चों का दाखिला सिरगु मॉन्टेसरी स्कूल में करवाया।
उसके बाद इन बच्चों की क़िस्मत ने करवट ली। जब जयावेल ने 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण की, तब उनका एडमिशन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुआ, इसमें वे उत्तीर्ण हुए तथा इसके बाद उनको उन्हें कार से सम्बंधित एक कोर्स में Glyndwr University में एडमिशन प्राप्त हुआ। इसके बाद यह कोर्स भी ख़त्म करके फिर जयावेल ने फिलिपिंस में विमान मेंटीनेंस टेक्नोलॉजी से सम्बंधित कोर्स में एडमिशन लिया है।
गरीब, फुटपाथ पर सोने वाले बच्चों की करना चाहते हैं मदद
जयावेल कहते हैं कि उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए जो ऋण लिया था उसे चुकाने के बाद वह अपनी माँ के लिए एक घर बनवाना चाहते हैं। उसके बाद अपने सारे पैसे भीख मांगने वाले, गरीब फुटपाथ पर सोने वाले बच्चों की मदद के लिए लगाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ‘मैं अपने आपको सुयंम NGO को समर्पित कर दूंगा। अभी मैं जो भी हूँ इस संस्था के संस्थापक उमा और मुथाराम की वज़ह से ही बन पाया हूँ।’
जवान का कहना है कि वह अपने जीवन में हमेशा गरीबों की मदद करेंगे और हर वह प्रयास करेंगे जिंदगी किसी बच्चे की जिंदगी खबर सके उनके जीवन का लक्ष्य ही बन चुका है और वह इसके लिए अनेकों कार्य कर रहे है।