सरकार ने अब लड़कियों की शादी की “उम्र 18” की जगह कर दी 21, लोगों ने खुशी से स्वीकार किया नए नियम

केंद्र सरकार ने समाज में नए सुधार और देश की उन्नति के लिए कुछ बड़े कदम उठाए हैं जिससे कि आने वाले समय में लगभग हर एक व्यक्ति को फायदा होगा केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष करने का प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिससे कि देश की सभी महिलाओं के बीच में खुशी का माहौल है यानी अब लड़कों की तरह ही लड़कियों की शादी की उम्र भी 21 वर्ष हो गई है जो कि पहले 18 वर्ष थी।

भारत के नियमों के हिसाब से किसी भी युवक या युवती को बालिक कहने की उम्र 18 साल है लेकिन उसकी शादी के मामले में लड़के की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष थी तो वही लड़की की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष थी। लेकिन कैबिनेट ने विभाग के लिए अब लड़कियों की उम्र भी 21 वर्ष के जाने के बिल को मंजूरी दे दी है और मौजूदा सत्र में ही सरकार इस विधेयक को पेश करेगी और जल्द से जल्द इस कानून को लाने का प्रयोजन करेगी इस कानून को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी कई संकेत दिए थे जिसके बारे में उन्होंने लाल किले में भी एक बारी लोगों को बताया था।

लगभग 43 साल बाद देखा गया विवाह की उम्र में फेरबदल सरकार द्वारा

देश में विवाह की उम्र में ये बदलाव 43 साल बाद किया जा रहा है. इससे पहले 1978 में ये बदलाव किया गया था. तब 1929 के शारदा एक्ट में संशोधन किया गया और शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गई थी.

लड़कियों के विवाह की उम्र 21 वर्ष किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2020 में लालकिले से की थी. उसी घोषणा पर सरकार अब आगे बढ़ी है. लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र क्या होनी चाहिए, इस पर जया जेटली की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था.

यह कदम मूल रूप से लड़कियों के शिक्षा को लेकर उठाया गया है क्योंकि अगर लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी तो वहां अपनी ग्रेजुएशन आसानी से कर पाएगी और अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल होगी और बिना किसी के जोर जबरदस्ती के अपने निर्णय अपना प्ले पाएगी और समाज में खुलकर अपनी बातें कर पाएगी इसके साथ ही वह किसी दूसरे पर निर्भर नहीं रहेगी और अपने खर्चे खुद उठाने के काबिल हो जाएगी और किसी पर बोझ बनकर नहीं रहेगी।