जिस उम्र में अक्सर देखा जाता है की लोग खाट पकड़कर मरने की बात करते हैं, हरियाणा की एक परदादी ने दौड़ में हिस्सा लेकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर सबको चौंका दिया है। भारत के वडोदरा में नेशनल ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप आयोजित की गयी, इस चैंपियनशिप में एक 105 वर्षीय परदादी ने भी हिस्सा लिया| इसमें उन्होंने 100 मीटर की स्पर्धा सिर्फ 45.4 सेकंड में समाप्त करके एक नया रिकॉर्ड तो बनायाही, साथ ही उन्होंने अपने से छोटे कई लोगों को भी प्रेरित किया है की अगर हौसले बुलंद हों तो उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता। रामबाई ने लोगों को चकित कर दिया क्योंकि उन्होंने लेन पर दौड़ लगाई और दो दौड़- 100 मीटर और 200 मीटर में भारतीय एथलेटिक्स महासंघ में स्वर्ण पदक जीते।
सुपर परदादी ने 100 मीटर स्प्रिंट जीती
105 वर्षीय परदादी ने वर्ल्ड मास्टर्स में 100 मीटर स्वर्ण जीतने के बाद 101 वर्षीय मान कौर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। कौर ने 100 मीटर की दौड़ 74 सेकेंड में पूरी की थी। रामबाई ने यह पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है और आपको बता दे की ये 85 से ऊपर नेशनल ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स श्रेणी में भाग लेने वाली एकमात्र व्यक्ति थीं। सभी ने सुपर परदादी के अविश्वसनीय उपलब्धि की प्रशंसा की है। इसके अलावा, उन्होंने अब खुद को लाखों बुजुर्गों के लिए एक वैश्विक रोल मॉडल के रूप में स्थापित कर लिया है।
आगे अंतराष्ट्रीय स्तर पर जाना चाहती हैं 105 साल की रामबाई
रामबाई के नियमित आहार में 1 लीटर दूध, चूरमा, बाजरे की रोटी, 250 ग्राम घी और 500 ग्राम दही शामिल है। नवंबर 2021 में रामबाई ने वाराणसी में पहली रेस में हिस्सा लिया। उन्होंने केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। इसके अलावा, दादी के नाम एक दर्जन पदक हैं। रामबाई की पोती शर्मिला ने बताया कि उनकी दादी प्रतिस्पर्धा से पहले कदमा के खेतों में दौड़ लगाती थीं।
“यह एक बहुत अच्छा एहसास है और मैं फिर से दौड़ना चाहती हूं,” 105 वर्षीय परदादी ने कहा। उनका अगला लक्ष्य एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेना है। वह निकट भविष्य में पासपोर्ट के लिए आवेदन करना चाहती है। रामबाई की उपलब्धि ने उन्हें सभी लोगों का पसंदीदा बना दिया है और जल्द ही वह अन्य प्रतिभागियों के साथ सेल्फी और तस्वीरें खिंचवाती नजर आईं।