उत्तर प्रदेश : अलकायदा से जुड़े आतंकियों ने कानपुर से खरीदी थी पिस्टल, एटीएस की पूछताछ में बड़ा खुलासा

सूत्रों के मुताबिक, पिस्तौल बेचने वाले और बिचौलिए दोनों को एटीएस ने हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी जल्द संभव है।

एटीएस की पूछताछ में पता चला की अलक़ायदा से जुड़े दोनों आतंकवादियों ने कानपूर से पिस्तौल खरीदी थी

अंसार गजवत-उल-हिंद से कथित रूप से जुड़े दो आतंकी संदिग्धों मिन्हाज अहमद और मसीरुद्दीन को मंगलवार सुबह करीब 11 बजे जेल से एटीएस मुख्यालय लाया गया| इन आतंकियों को कोर्ट से 14 दिन का पुलिस रिमांड मिलने के बाद से इनसे पूछताछ जारी है और एहम दो आतंवादियों को भी टीम जल्द ही अपनी हिरासत में लेगी |

एटीएस ने जब दोनों संदिघ्दो से पूछताछ की तो पता चला कि आतंकवादी तौहीद और मूसा (जो कश्मीर में अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े हैं) के संपर्क में थे। एटीएस सूत्रों का कहना है कि आतंकी मिन्हाज इन दोनों लोगों से टेलीग्राम एप के जरिए जुड़ा था और मिन्हाज ने तौहीद के बैंक खाते में कुछ पैसे भी भेजे थे। एटीएस ने मिन्हाज से एक पिस्टल बरामद की। पूछताछ में मिन्हाज ने कानपुर से पिस्टल लाने की बात कबूल की। उन्होंने यह भी कहा कि कानपुर के संवेदनशील इलाके चमनगंज स्थित रहमानी मार्केट से एक युवक ने उन्हें दो प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड मुहैया कराए|

एटीएस ने क्या क्या जानकारियां हासिल कर ली हैं?

पूछताछ के बाद एटीएस ने कानपुर में कई जगहों पर छापेमारी कर आतंकी नेटवर्क से जुड़ी अहम जानकारियां हासिल की| आतंकियों की मदद कर रहे एक बड़े बिल्डर को कानपुर से हिरासत में लिया गया है| एटीएस सूत्रों का कहना है कि आरोपी बिल्डर युवाओं को कट्टर बनाने में मदद करता था और आतंकियों को विनाश के लिए फंड मुहैया कराता था। मिन्हाज के पास से पिस्टल और सिम कार्ड लेने वाले 3 लोगों की गिरफ्तारी की भी जानकारी है| अलग-अलग जगहों से कई अन्य लोगों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है|

इन संदिग्धों से एटीएस क्या क्या पूछ सकती है?

इन आतंकी संदिग्धों से कानपुर से लेकर कश्मीर तक इनके कनेक्शन और नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी। उनसे उन जगहों के बारे में पूछताछ की जाएगी जहां सीरियल ब्लास्ट की योजना बनाई जा रही थी। पुलिस उनसे अल-कायदा और अंसार गजवत-उल-हिंद के उनके अन्य कथित सहयोगियों के बारे में पूछताछ करेगी और स्लीपर सेल का पता लगाएगी। उनसे यह भी पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने राज्य में आगजनी और उपकरण कहां और कैसे खरीदे और इसके लिए फंड किसने दिया।