दिल्ली सरकार ने ऑटो व टैक्सी चालकों की मांग पर मौजूदा किराए में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. फेयर फिक्सेसन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार तिपहिया वाहन के लिए प्रति किलोमीटर पर किराए में डेढ़ रुपए और टैक्सियों के लिए आधार शुल्क में 15 रुपए की बढ़ोतरी करने जा रही है.दिल्ली में जल्द ही ऑटो और काली-पीली टैक्सी का सफर महंगा होने वाला है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गेहलोत ने किराए में मामूली बढ़ोतरी करने का फैसला किया है।

क्यू हुई दिल्ली में हड़ताल!
इस बढ़ोतरी के पीछे दिल्ली में पिछले 6 महीने के दौरान सीएनजी के दामों में बढ़ोतरी और इसके चलते ऑटो-टैक्सी ड्राइवरों की परेशानियां बड़ी वजह हैं। वहीं ऑटो-टैक्सी से जुड़े संगठन भी लगातार सरकार से राहत देने की मांग कर रहे हैं। आने वाले समय में कितनी होगी ऑटो और टैक्सी के किराए में बढ़ोतरी, आइए समझते हैं।इस बीच देखा जाए तो सीएनजी के दामों में हुई लगातार बढ़ोतरी के बाद से किराए में बढ़ोतरी की जरूरत महसूस की जा रही थी. ऑटो व टैक्सी यूनियन की तरफ से किराए में बढ़ोतरी करने की डिमांड लगातार की जा रही थी. इसको लेकर दिल्ली सरकार ने गत अप्रैल माह में 13 सदस्यीय फेयर फिक्सेसन कमेटी गठित की थी.
बढ़े सीएनजी के दाम!
कमेटी ने तिपहिया वाहनों के लिए किराए में प्रति किलोमीटर एक रुपए की बढ़ोतरी और टैक्सियों के किराए में 60 फीसदी तक बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. इसके तहत पहले डेढ़ किमी के लिए ऑटो का मीटर 25 रुपये के बजाय 30 रुपये से डाउन होगा। उसके बाद प्रत्येक किमी के लिए 9.50 रुपये के बजाय 11 रुपये प्रति किमी के हिसाब से किराया देना पड़ेगा। ऐसे में आपकी यात्रा के कुल किराए पर इसका कितना असर पड़ेगा, इसे आप इस उदाहरण से समझ सकते हैं। अभी अगर आप ऑटो लेकर 11 किमी दूर कहीं जाते हैं, तो मीटर में तकरीबन 115 रुपये किराया बनता है। नए फॉर्मूले के आधार पर किराए में बढ़ोतरी लागू होने के बाद आपको इसी राइड के लिए करीब 135 रुपये देने होंगे। यानी 11 किमी की राइड पर करीब 20 रुपये एक्स्ट्रा लगेगा।