यह बात तो आप सभी लोगों को जरूर पता होगी कि किसी भी मकान या फिर इमारत बनने में ईटों की जरूरत अवश्य पड़ती है। ईटों की काफी भारी मात्रा में डिमांड होती है। लेकिन भारत में विभिन्न राज्यों में मौजूद विभिन्न भट्टों में जो ईंट बनाने की प्रक्रिया है वह काफी लंबी है। जिसकी वजह से कई बार ऐसा देखा जाता है ईटों की कीमत आसमान छू जाती है। इसकी वजह यह है कि पर्याप्त मात्रा में ईटों का निर्माण नहीं हो पाता। जिसकी वजह से बाजार में ईटों की कीमत बढ़ती चली जाती है
1 घंटे में 12 हजार ईंट बनाने वाली ऑटोमेटिक मशीन

लेकिन इस समस्या का निवारण हरियाणा में स्थित एनएचपीसी नामक एक स्टार्टअप कंपनी के मालिक ने निकाला है और उन्होंने इस घोर समस्या का निवारण भी ढूंढ लिया है। उन्होंने ईट बनाने वाली एक ऑटोमेटिक मशीन का निर्माण किया है जो कि देखने में काफी ज्यादा आकर्षक है। इसके साथ ही इस कंपनी के मालिक सतीश चिकारा जी हैं। जिन्होंने 1 घंटे में 12000 ईट बनाने वाली ऑटोमेटिक मशीन का आविष्कार किया है और कुछ लोगों को तो इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा है। लेकिन इसकी परफॉर्मेंस देखते हुए अब इसकी डिमांड भी मार्केट में काफी बढ़ चुकी है।

SnPC BMM 300-310 brick making machine can extrude up to 12,000 bricks per hour. pic.twitter.com/koRBzg251u
— MachinePix (@MachinePix) December 22, 2019
इसे देखे:-टीवी का पसंदीदा शो शक्तिमान खासकर बच्चो का फेवरेट था, इस रोल के लिए मुकेश खन्ना ने नहीं निभाने

ऐसे में सतीश को महसूस हुआ कि कारीगरों की मदद से ईंट तैयार करने में ज्यादा समय और पैसा खर्च होता है, लिहाजा उन्होंने ईंट बनाने वाली मशीन का निर्माण करने का फैसला लिया। इस काम के लिए सतीश ने अपने भाई की मदद ली, जिसके बाद दोनों भाईयों ने मिलकर 7 साल तक कड़ी मेहनत करने के बाद ऑटोमेटिक ईंट मेकिंग मशीन का आविष्कार करने में सफलता प्राप्त कर ली।

दूर करी बरसों पुरानी दिक्कत
सतीश चिकारा हरियाणा के बवाना के एक छोटे से गांव में रहते हैं। उन्होंने ऑटोमेटिक ईट मेकिंग मशीन बनाने का आविष्कार किया है। जिसकी वजह से वह काफी ज्यादा सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल सतीश जी ने सन 2007 में पार्टनरशिप में ईंट के भट्टे का काम शुरू किया था। लेकिन ज्यादा समय में कम ईंट बनाना और बारिश में ईंट का खराब हो जाने की वजह से उन्हें काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था। वह काफी टाइम से इस समस्या का समाधान ढूंढने में लगे थे और उन्होंने अंत में इस दिमागी जंग में जीत हासिल करी।