कहते है किताबी और साहित्य हमारे समाज का आईना होता है। लेकिन अगर आप कोई किताब खरीदने चले जाये तो आपको जितनी भी किताबे लेखकों के द्वारा मिलेगी वो या तो वोह गुज़ारे जमाने की होंगी या बहुत उम्र दराज़ है। युवाओ में किताबे लिखने का चलन काफी ज्यादा घट चूका है। अगर ऐसा होता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हमारे पास सिर्फ 50 या 60 साल पुरानी किताबे ही बचेंगी पढ़ने को क्युकी नए लेखक बाजार में आ नहीं रहे है।
हमारे देश की सरकार ने इस ज़रूरत को समझा है और इसी ज़रूरत को समझते हुए उन्होंने एक नयी योजना निकाली है। इस योजना में 30 या उससे काम उम्र के लोग भाग ले सकेंगे और अपनी किताब के बारे में सुझाव दे सकते है। जो लोग इस योजना के दौरान चुने जायेंगे उन्हें 50 हज़ार रूपए का वेतन दिया जायेगा, उन्हें किताब लिखने की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया जायेगा। दोस्तों सिर्फ इतना ही नहीं, जब वह किताब लिखेंगे तो उस किताब को अलग-अलग भाषाओ में प्रकाशित किया जायेगा।
जब वह किताब बिकेगी तो उसकी कमाई में से 10 फीसदी रॉयल्टी उन्हें दी जाएगी। यह सरकार के द्वारा एक अच्छी पहल है, और जो लोग किसी न किसी दिशा में लिखना चाहते है, चाहे वो फिक्शन में लिखना चाहते है या नॉन फिक्शन में, हिंदी या अंग्रेजी में या फिर किसी रीजिनल भाषा में लिखना चाहते हो, उनलोगो को ज़रूर इस योजना में हिस्सा लेना चाहिए।
अगर हमारे युवाओ को बदलना है तो हमे हमारे युवाओ की ही भाषाओ में ही बात करनी होगी। बहुत काम लोग हमारे आस पास होते है जिन्हे लकुच अच्छा लिखने की चाह होती है, और यह एक अच्छा सराहनीय कदम है सरकार के द्वारा और यह कदम नेशनल बुक ट्रस्ट की तरफ से उठाया गया है। भारत सरकार के द्वारा लायी गयी इस योजना का नाम यंग एंड अपकमिंग वर्सटाइल ऑथर योजना है।
अगर आप भी एक युवा है और आपको लगता है की आपके अंदर भी यह क्षमता है एक किताब लिखने की जिसे लोगो तक पहुंचाया जा सके तो आपको भी इस सरकारी योजना का लाभ उठाना चाहिए। इस योजना के तहत अगर आप चुने गए तो आपको प्रतिमाह पचास हज़ार रूपए वेतन के तौर पर मिला करेंगे।