पिता ने रिक्शा चलाकर बेटे को पढ़ाया, यूपीएससी परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल कर टॉप (IES) किया और उनके परिवार में इस वजह में ख़ुशी की लहर दौड़ी इसलिए हम लोग भी अगर मन लगाकर मेहनत करे तो कोई भी मुकाम हासिल कर सकते है रिक्शा चालक दिन रात मेहनत कर अपने बेटे को पढ़ाया और उसकी सारी जरूरत पूरी की . और आज उसने अपने पापा का नाम रोशन कर दिखाया.जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले के निगीनपोरा कुंड गांव के रहने वाले तनवीर अहमद बहुत गरीब परिवार से हैं. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उनके पिता गर्मियों में खेती किसानी का काम करते थे और सर्दियों के मौसम में पंजाब में जाकर रिक्शा चलाकर दो वक़्त की रोटी का इंतजाम करते थे.

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रिक्शा चलाकर के बेटे ने यूपीएससी परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल कर टॉप किया
आर्थिक तंगी का सामना करते हुए उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरकारी प्राथमिक स्कूल कुंड से हासिल की और फिर बाद में वाल्तेंगू से हाई स्कूल परीक्षा पास की. इसके बाद उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई रजलू कुंड से पूरी की.

मेहनत और लगन से किए गए किसी भी काम में आपको सफलता जरूर मिलती है. अगर आप किसी काम में असफल हुए है तो किस्मत को दोष देने की बजाए बारीक कमियों को ध्यान देना चाहिए.

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आज जिस सिविल सेवा में सफलता पाने वाले प्रतिभागी के बारे में आपको बताने जा रहे वो ऐसे युवाओं के लिए एक मिसाल हैं जो किस्मत को दोषी मानकर अपने लक्ष्य से पहले ही हार मान लेते हैं. इस आईईएस (IES) अधिकारी का नाम तनवीर अहमद खान है.

यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाले तनवीर अहमद ने ना सिर्फ मुश्किल हालातों में इस परीक्षा को पास किया बल्कि घाटी से इस परीक्षा को पास करने वाले वह पहले शख्स भी हैं. आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों का सामना करते हुए उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा को पास कर यह बता दिया कि मेहनत अगर की जाए तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. तनवीर अहमद ने कैसे इस परीक्षा में सफलता हासिल कर युवाओं को एक नई प्रेरणा दिखाई है.