हर एक व्यक्ति के जीवन में एकता होती है कि वह बड़े होकर एक अच्छा और सफल व्यक्ति बनेगा कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो सोचते हैं कि भविष्य में उनको अच्छी नौकरी मिल जाए और वह कुशल तरीके से अपना पूरा जीवन व्यतीत कर दे लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके मन में बचपन से ही चाहती है। कि उन्हें कुछ अपना करना है चाहे वह उसमें थोड़े कम में गुजारा कर ले लेकिन उन्हें करना कुछ नहीं होता है। कुछ इसी प्रकार की कहानी आज हम आप सभी लोगों को सुनाने वाले हैं। जहां तनिश ने बस आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई करी और इतिहास रच दिया।
10 साल की उम्र में बन गए कंपनी के सीईओ
तनिष्क मित्तल Innowebs Tech नामक कंपनी के फाउंडर हैं और उसके सीईओ भी हैं वाह इस कंपनी को पिछले 5 वर्षों से चला रहे हैं और इसको लगातार एक अलग हो चाइयों पर पहुंचाने का प्रयत्न कर रहे हैं तनिश ने आठवीं कक्षा के बाद से ही स्कूल छोड़ दिया और फिर कंप्यूटर पर वेब डिजाइनिंग और फोटोशॉप आदि का काम करने लगे जिसमें उनकी रूचि थी और उन्होंने उसी में ही अपने कैरियर को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
पिता ने कम उम्र में ही परख लिया हुनर
पिता ने अपने छोटे बेटे की इस हुनर को पहचानने में जरीसी भी देना लगाई और उसे बिल्कुल सही रास्ता दिखाते हुए आगे बढ़ने की नसीहत दी। नितिन मित्तल ने बताया के मात्र 6 वर्षा की आयु में ही तनिष्क ने कंप्युटर का बेसिक ज्ञान सिख लिया था। पिता नितिन मित्तल ने आपने बेटे के हुनर को पहचान लिया था, इसी लिए स्कूल छोड़ने के निर्णय मे साथ दिया था।
उसके बाद उन्होंने एडवांस पीजी डिप्लोमा लेवल कोर्स इन एनीमेशन और साइबर सिक्योरिटी और कई अन्य कोर्स भी किए। जिसके कारण इनकी नॉलेज और भी ज्यादा बढ़ती गई और वह इसी प्रकार अपने जीवन में आगे बढ़ते रहे हम आप सभी लोगों को बता देना चाहते हैं। कि उनकी पिता भी पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
तनिष्क के पिता नितिन मित्तल अपने बेटे को दुनिया में अलग पहचान दिलवाना चाहते थे और उन्होंने उसकी इस काबिलियत को बचपन में ही परख लिया था जिसकी वजह से उन्होंने आठ क्लास से स्कूल छोड़ने के बाद प्रोफेशनल की तरह अपने बेटे को तैयारी कराने का फैसला किया और उन्होंने बहुत कम उम्र में ही उनका दाखिला टेक्निकल संस्था मैं करा दिया।
शुरुआत में थोड़ी दिक्कतों का सामना हुआ क्योंकि उनकी कम उम्र को देखकर कोई भी उन्हें दाखिला नहीं दे रहा था लेकिन उन्हें जब अपनी जान पहचान से प्राइवेट इंस्टिट्यूट में बात करी और उनके हुनर को बताया तो उसके बाद वह तुरंत राजी हो गए और उनको उनकी काबिलियत देखकर एहसास नहीं हुआ। कि आखिर इतनी कम उम्र का बच्चा ऐसा भी कर सकता है और उन्होंने उन्हें तुरंत एडमिशन दे दिया।