क्या है यूपी के कमिश्नर की कहानी?

साल 2000 बैच के आईएएस अफसर रंजन कुमार ने बुधवार को लखनऊ कमिश्नर का कार्यभार ग्रहण कर लिया। इससे पहले वे यूपी पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट में सेक्रेटरी के पद पर तैनात थे। प्राथमिकताओं के बारें में बताते हुए रंजन कुमार ने कहा कि, मौजूदा समय में कोरोना महामारी से लोगों को बचाना और उनके बीमार लोगों के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध कराना पहली जिम्मेदारी है। लोगों को जागरुक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। बता दें कि लखनऊ मंडल के कमिश्नर रहे मुकेश मेश्राम को प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति का पद सौंपा गया है।

हासिल करी यह उपलब्धि!

नवनियुक्त लखनऊ कमिश्नर रंजन कुमार ने बताया कि अगले कुछ दिनों में कई बड़े त्यौहार जैसे दशहरा, मोहर्रम, दीपावली, दुर्गापूजा आदि का आयोजन हैं। इस दौरान नगरवासियों को शान्त एवं सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना और लोगों की समस्याओं का जल्द निस्तारण सुनिश्चित कराना उनकी प्राथमिकताओं में है। कहा कि, शासन की प्राथमिकताओं को तत्परता से लागू कराने व समाज के अन्तिम व्यक्ति तक उन योजनाओं का लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। जनहित के विकास कार्यों को गुणवत्ता पूर्ण, समयबद्ध पूर्ण कराया जाएगा।जहां से परिवार को कुछ उम्मीद बनने लगी थी.इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बारे में ऑल इंडिया में नौकरी मिल गई.इसके पश्चात निरंजन की शादी भी हो गई. लेकिन निरंजन तो IAS बनने का था इसके लिए निरंजन पढ़ाई करने में जुट गए.निरंजन की मेहनत और संघर्ष और सफल हो गया अगर इंजीनियर ने 2016 में यूपीएससी क्लियर कर लिया रैंक के हिसाब से उन्हें IRS के लिए चुना गया. यूपीएससी क्लियर के बाद निरंजन ने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए अपने पिता की छोटी सी दुकान पर भी बैठा करते थे. पिताजी जब बाहर जाते हैं तो वह भी खैनी बेचते थे उनके पिता अभी भी खैनी की दुकान चलाते हैं.

कहा से आते है रंजन सर?

रंजन कुमार 2000 बैच के आईएएस हैं, जो मूलतः नालन्दा बिहार के निवासी हैं। आईएएस के रूप में सहायक मजिस्ट्रेट/सहायक कलेक्टर के रूप में अयोध्या से कार्य शुरू किया था। इसके बाद ज्वाॅइंट मजिस्ट्रेट कानपुर नगर, अलीगढ़ रहे और मुख्य विकास अधिकारी गोरखपुर के साथ जिलाधिकारी चित्रकूट, औरया, बलिया, बांदा, बागपत, प्रतापगढ़, शामली, अमरोहा, गोरखपुर में कार्य किया। शासन में ग्राम्य विकास, राजस्व, सिंचाई, चिकित्सा शिक्षा तथा वर्तमान में सचिव लोक निर्माण विभाग के पद पर कार्यरत थे। कमिश्नर के रूप में इनको मिर्जापुर के बाद लखनऊ मण्डल की सेवा करने का अवसर मिला है।