कभी हुई थी कक्षा 6 में फेल रुक्मणि, आज UPSC परीक्षा पास कर बन गयी हैं IAS अफसर

कहते हैं मन में आत्मविश्वास हो और कुछ कर दिखने का जूनून हो तो आप इस दुनिया में हर मुकाम हासिल कर सकते हैं, फिर भले ही आपको कितनी हार का ही सामना क्यों न करना पड़े, पर आप अपनी मंज़िल को पा कर ही रहते हैं| ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है रुक्मणि की, जिन्होंने असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और आज हैं IAS अफसर |

हुई थी एक बार कक्षा 6 में फेल, आज बन गयी हैं IAS अफसर – पढ़े पूरी खबर

एक समय था जब रुक्मणी रायर का एक बोर्डिंग स्कूल में दाखिला हुआ था, और वह बोर्डिंग स्कूल के प्रेशर का सामना करने में असमर्थ थी और वह डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में कक्षा 6 की परीक्षा में असफल हो गयी | पर यह उनके अटूट जुनून के कारण है ही संभव हो पाया कि उन्होंने पूरे आत्म विश्वास के साथ वापसी की और 2011 बैच के यूपीएससी अखिल भारतीय द्वितीय टॉपर बन गई। उन्होंने अपने पहले प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक किया।

जाने कैसे किया रुक्मणि ने UPSC परीक्षा को क्रैक

चंडीगढ़ में जन्मी और पली-बढ़ी, 29 वर्षीया रुक्मणि ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई से सामाजिक उद्यमिता में मास्टर डिग्री हासिल की है, जहां उन्होंने लगातार अपनी कक्षा में टॉप किया है। वह कहती हैं कि “जब से मैं कक्षा 6 में अनुत्तीर्ण हुई हूँ, मुझे असफलता का डर लगता है । यह बहुत निराशाजनक होता है । लेकिन उस घटना के बाद मैंने निश्चय कर लिया कि मैं हताश नहीं होऊंगी और शिकायत नहीं करुँगी। मैं कड़ी मेहनत करुँगी और चीजों को अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी। मेरा मानना ​​है कि अगर कोई दृढ़ रहे और असफलता से बाहर आने का फैसला करता है, तो आपको सफलता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता है”।

रुक्मणी को कविता लिखना बहुत पसंद है, और वह कड़ी मेहनत और समर्पण में विश्वास रखती हैं। उन्होंने अपने मुख्य विषयों के रूप में राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र के साथ सिविल सेवाओं को क्रैक किया। आईबीएन लाइव के साथ एक साक्षात्कार में, रुक्मणी ने कहा, “मेरी मेहनत रंग लाई है और मैं बहुत खुश हूं। मैं सफलता के लिए अपने माता-पिता, शिक्षकों, दोस्तों और सबसे बढ़कर भगवान को श्रेय देती हूं। इच्छुक उम्मीदवारों के लिए मेरा संदेश है कि निरंतरता, कड़ी मेहनत और दृढ़ता सफलता की कुंजी है। इसका लाभ उठाएं। अगर मैं यह कर सकती हूं तो बाकी सभी लोग भी कर सकते हैं और कोई भी आपको रोक नहीं सकता।”