आज हम आपको बताने जा रहे हैं सुल्तानपुर की रहने वाली प्रतिभा वर्मा की कहानी, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की| इसके अलावा उन्होंने महिला उम्मीदवारों में भी टॉप किया।
यूपीएससी में प्रतिभा वर्मा ने हासिल की AIR – 3, जानें कैसी रही उनकी यात्रा और रणनीति
प्रतिभा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सुल्तानपुर के स्कूल से प्राप्त की। वह बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थी। वह अपने स्कूल और कॉलेज की टॉपर भी रह चुकी हैं। स्कूल के दौरान वह एनएसएस से भी जुड़ी रहीं और यहीं से उनके मन में आईएएस बनने का सपना शुरू हुआ।
प्रतिभा ने 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद आईआईटी दिल्ली से बी.टेक की डिग्री हासिल की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने करीब 2 साल तक एक प्राइवेट कंपनी में भी काम किया। इसके अलावा प्रतिभा ने कई एनजीओ में भी काम किया है और यहीं से उन्हें देश और समाज की सेवा करने की प्रेरणा मिली। फिर उन्होंने समाज के कल्याण में योगदान देने के लिए ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।
करना चाहती हैं महिला सशक्तिकरण और बच्चों के विषय में काम
प्रतिभा ने अपना पहला यूपीएससी प्रयास वर्ष 2017 में दिया था लेकिन उस वक़्त वह प्रीलिम्स को पास करने में विफल रही। फिर साल 2018 में उन्होंने दूसरा प्रयास किया और इस बार उन्हें 289 रैंक मिली। जिसके बाद उन्हें भारतीय राजस्व सेवा आवंटित की गई और उन्हें नागपुर में आयकर आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया। हालांकि, प्रतिभा का अभी भी एक आईएएस अधिकारी बनने का सपना था, इसलिए उन्होंने अपनी नौकरी से ब्रेक लिया और फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।
प्रतिभा बताती है कि उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में बदलाव किया। उनका मानना है कि यूपीएससी परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय का चुनाव एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। उनके अनुसार स्नातक में पढ़े हुए विषयों को ही वैकल्पिक विषय के रूप में चुना जाना चाहिए।
प्रतिभा ने अपनी सफलता के लिए अपने परिवार के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। इसके अलावा, वह उन महिलाओं से अत्यधिक प्रभावित हैं जिन्होंने इस क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में अपना कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रतिभा भी अपने पोस्ट के जरिए महिला सशक्तिकरण और बच्चों के लिए काम करना चाहती हैं।