जानें कैसे एक बस कंडक्टर की बेटी बनी आईपीएस अधिकारी और किया पिता का सिर फक्र से ऊँचा

आज हम आपको बताने जा रहे हैं शालिनी अग्निहोत्री की कहानी, जिन्होंने किसी भी परिस्तिथि से कभी हार नहीं मानी और आज उन्होंने वह कर दिखाया है, जिससे उनके पिता का सिर गर्व से ऊँचा हो गया| शालिनी एक ऐसी जगह से आती हैं, जहां पड़े को ज़्यादा महत्व नहीं दिया जाता, पर बजाय इस सब के शालिनी ने सभी बाधाओं को पार किया और आज वह एक आईपीएस अफसर बन चुकी हैं|

बस कंडक्टर की बेटी बनी आईपीएस अफसर, किया पिता का सिर गर्व से ऊँचा

शालिनी अग्निहोत्री का जन्म हिमाचल प्रदेश के उना जिले के थाथल गांव में हुआ था| शालिनी के पिता रमेश एक बस कंडक्टर हैं और उनकी माता ग्रहणी हैं| शालिनी और तीन भाई बहन हैं, और तीनो ने ही पढ़ लिखकर आज एक मुकाम हासिल कर लिया है|

एक ऐसी जगह से तालुक रखने के बावजूद, जहां पढ़ाई को ज़्यादा महत्व नहीं दिया जाता, शालिनी और उनके भाई बहन के लिए उनके माता पिता ने पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी| यही कारण है की आज शालिनी और उनके दोनों भाई बहन बहुत ही अच्छे पदों पर नौकरी कर रहे हैं|

कैसे किया शालिनी ने तय की उन्हें अफसर ही बनना है

एक समय की बात है जब शालिनी अपनी माँ के साथ बस में सफर कर रही थी| इसी दौरान एक आदमी ने उनकी माँ की सीट में पीछे से हाथ लगाया हुआ था, जिस वजह से शालिनी की माँ ठीक से बैठ नहीं पा रही थी| उन्होंने कई बार उसे हाथ हटाने को कहा लेकिन उसने एक ना सुनी और गुस्से में बोलने लगा तुम कहां की डीसी लग रही हो जो तुम्हारी बात मानी जाए| बस यहीं क्षण था जब शालिनी ने तय किया कि वह बड़ी होकर अफसर बनेंगी|

इसके बाद से उन्होंने सिविल सर्विसेज के एग्जाम की तयारी शुरू कर दी, उन्होंने एग्जाम पास करने के लिए कोचिंग ना जाकर, घर में ही इंटरनेट की मदद से पढ़ाई शुरू की| इस तैयारी की जानकारी उन्होंने अपने माता पिता को तक नहीं दी, और चुप चाप पढ़ती रही| अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बलबूते पर उन्होंने पहली बारी में ही सफलता हासिल की और आईपीएस अफसर बन गयी|