जानिए इस लड़की के बारे में जिसने टेक कंपनी की नौकरी छोड़ शुरु की जैविक खेतीबाड़ी!

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगों ने अपनी सेहत का ध्यान रखना जैसे कि भुला ही दिया हो आज के जमाने में लोग अपनी फिटनेस और हेल्थ पर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते क्योंकि अक्सर लोग अपनी नौकरी और पढ़ाई के कारण इतने ज्यादा बिजी रहते हैं कि उन्हें वक्त ही नहीं मिल पाता कि वह अपने स्वास्थ का भी ध्यान रख सके कुछ ऐसे भी है जो खुद की सकते हैं बल्कि दूसरों के स्वास्थ्य उठाकर भी शुरू कर रखे हैं जैसे कि ऑर्गेनिक फार्मिंग आज हम एक लड़की के बारे में बात करने जा रहे हैं अच्छी कंपनी को छोड़कर और किया ताकि लोगों की मदद कर सके आपको बता देते हैं ।

 

कौन है यह लडकी?

उनका नाम गीतांजलि है । गीतांजलि एक कंपनी में काम करती थी । गीतांजली केरल में पड़ी है और उन्होंने बचपन से ही खाने-पीने और स्वास्थ्य का ध्यान रखने का काफी ज्यादा शौक रहा है इसके साथ उन्होंने बताया कि छोटी उम्र में उनकी मृत्यु हो गई थी और जिसके बाद उनकी माता और बड़े भाई ने उनका काफी ध्यान रखा कर पढ़ाई के बाद उन्होंने पढ़ाई भी सीसी में की है जिसके बाद उन्होंने आईबी में एमबीए करा और फिर हैदराबाद चले गई अपनी नौकरी के लिए उन्होंने कई सालों तक नौकरी आखिरकार उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और 2017 में उन्होंने सब्जियां सब्जियां उगाने से हमारा मतलब है कि उन्होंने ऑर्गेनिक स्वामी शुरू कर दी आपको बता दें कि जब उन्हें यह ऑर्गेनिक फार्मिंग का बिजनेस के बारे में सोचा तब उनकी शादी हो चुकी थी उनके पति और उनके परिवार वालों ने उन्हें काफी ज्यादा सपोर्ट किया कि अगर उनकी इच्छा काम कर रहे तो उन्हें यह काम खुद करना चाहिए गीतांजलि ने बताया कि उन्होंने केरला में ही एकड़ जमीन और गणित शुरू कर दी ऑर्गेनिक फार्म शुरू करने से नहीं सिर्फ उनका बिजनेस शुरू हुआ बल्कि वह काफी लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी सही है।

आख़र टेक कंपनी छोड़ कर जैविक खेती करने का कदम क्यों उठाया?

उन्होंने बताया कि उनका सपना है कि वह हर किसी के घर तक अपनी ऑर्गेनिक फार्मिंग से योगी सब्जियां जा सके और आपको बता दें कि वह काफी मशहूर भी अपने आस-पास के गांव में उनका काफी ज्यादा नाम की है गीतांजलि ने बताया कि यह काम शुरू करना कोई आसान नहीं था लोगों ने उनका मजाक उड़ाया कि वह इतनी पढ़ी लिखी है और आखिरकार खेती-बाड़ी के काम में आ गई और उन्होंने बोला कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता उन्हें यह लगता है कि नहीं सिर्फ उनको फाइनली मदद मिलती है बल्कि समाज के हित के लिए भी है तो उन्हें काम करने से खुशी मिलती है और आखिरी दम तक करती रहेंगी । 46 एकड़ की जमीन में उन्होंने जैविक खेतीबाड़ी शुरू करदी है और उन्होंने यह भी बताया है की वह इस जैविक खेतीबाड़ी को और भी बड़े स्तर पर लेके जायेगी ।