जानिए कैसे किस्मत का मारा आदमी मछली बेच कर बना करोड़पति!

ऐसा हमारे साथ कई दफा होता है कि हम कुछ सोचते हैं पर उससे बिलकुल ही विपरीत चीज हो जाती है ऐसा ही कुछ हुआ था हरियाणा के रहने वाले हरविंद्र के साथ पर उन्होंने अपने हालातों से भागने के बजाय उन हालातों से लड़ना सिखा और आखिरकार जीत हासिल करें आपको बता दें कि स्कूल के समय से ही हरविंद्र अव्वल नंबर के छात्रों में होते थे उनका यह सपना था कि वह इंजीनियरिंग करना चाहते हैं इसलिए उन्होंने चंडीगढ़ की एक यूनिवर्सिटी में अपना दाखिला भी करवा दिया और ₹50000 रकम भी जमा करवा दी एडमिशन फीस के तौर पर परंतु जब अरविंद्र वह वॉच तो उन्हें पता चला कि इस नाम की तो कोई यूनिवर्सिटी ही नहीं है और उनके साथ विश्वासघात हुआ है और यह सिर्फ एक फ्रॉड कंपनी थी जिन्होंने हरविंद्र जैसे कई बच्चों को ठगा है ।

किसने किया था अरविंद के साथ विश्वासघात?

जब अरविंद को यह बात पता चली तो खूब लगा इसी के साथ-साथ उन्होंने परिवार जनों को यह बात बताई तो उन्हें उनके परिवार वालों ने काफी ताने दिए और उन्हें इतने पैसों का नुकसान करवाने के चक्कर में काफी बातें भी सुननी पड़ी त्रिवेंद्र ने ठान रखा था कि वह कुछ ना कुछ करके दिखाएंगे जब उनके घर वालों को यह बात पता चली तो उनके घर वालों ने उनसे पैसों की मांग करें अरविंद एक गरीब परिवार से आते हैं इसलिए उनके लिए 50000 की कीमत बहुत ज्यादा थी उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब चल रही थी रविंद्र के भाई बाहर दूसरे स्टेट में गुरुद्वारे में काम करते थे वहां पर भी हरविंदर ने काम ढूंढने की कोशिश करी पर उन्हें कहीं भी काम नहीं मिल पाया उन्होंने हर जगह नौकरी की तलाश करी पर किस्मत ने हर दरवाजे बंद कर रखे थे ।

कैसे सूझा मछली बेचने का आइडिया?

अरविंद भाई भी उन्हीं के शहर वापस लौट आए और उन्होंने अरविंद को समझाया कि दोनों भाइयों को मिलकर मछलियां बेचने का काम शुरू करना चाहिए इसमें काफी कमाई हो सकती है इस बात से हरविंद्र सहमत हैं और उन दोनों भाइयों ने मछली बेचने का काम शुरू किया जिस पर अरविंद्र के पिता ने काफी जिंदा भी करें ऊंची जाति से ताल्लुक रखते हैं और ऊंची जात वाले नहीं करते हैं परंतु दोनों भाइयों ने अपने पिता की करी और जिस पर इस विचार से उनको काफी ज्यादा फायदा हुआ और आज वह एक करोड़पति है जोकि आसान बात नहीं ।