लता मंगेशकर ने अपनी पहली रिकॉर्डिंग में गीता दत्त को सिंदूर लगने की वजह बताई तो शमशाद बेगम ने इस बात को सुनकर लता के पैर पर ऐसा क्या किया

लता मंगेशकर, ये एक नाम नहीं भारत की म्‍यूजिक इंडस्‍ट्री की देवी के रूप में पूजी जाने वाली एक ऐसी हस्‍ती हैं, जिनकी आवाज ही उनकी पहचान है । लता दीदी का करियर उनके साथ कलाकारों से काफी लंबा रहा है । वो जैसा गाती थीं, ना उन जैसा और ना ही उनसे बेहतर कोई गा सका है । लता दी के सुनहरे करियर से जुड़ी कई ऐसी बाते हैं जो उनके फैंस जानना चाहते हैं । उनकी पहली रिकॉर्डिंग से जुड़ी बातें, वो सिंदूर क्‍यों लगाती थीं, कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब हर कोई जानना चाहता है । एक्‍ट्रेस तबस्‍सुम ने उनसे जुड़े कई राज खोले हैं ।लता मंगेशकर के जीवन से जुड़े इतने अनसुने किस्‍से हैं जिन्‍हें जानने की तमन्‍ना उनके हर फैन में है । जानिए आखिर बिना शादी के भी लता सिंदूर क्यों लगाती थीं ।

जानिए आखिर बिना शादी के भी लता सिंदूर क्यों लगाती थीं ।
जानिए आखिर बिना शादी के भी लता सिंदूर क्यों लगाती थीं ।

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जब लता ने बताई थी सिंदूर लगाने की वजह, पहली रिकॉर्डिंग से पहले छुए शमशाद बेगम-गीता दत्त के पैर

हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री की जानी मानी वेटरन एक्‍ट्रेस तबस्सुम ने  बताया कि, ये उनकी खुशकिस्मती है कि जब लता जी अपने पहले हिंदी गाने से डेब्यू कर रही थीं, तो वो वहां मौजूद थीं । तबस्‍सुम बताती हैं कि, इस फिल्म का नाम था, बड़ी बहन जिसका म्यूजिक हुस्न लाल भगतराम ने दिया था ।

जब लता ने बताई थी सिंदूर लगाने की वजह
जब लता ने बताई थी सिंदूर लगाने की वजह

गाने के बोल थे चुप-चुप खड़े हो, जरूर कोई बात है, पहली मुलाकात है  इस दौरान शमशाद बेगम, गीता दत्त भी वहां मौजूद थीं । वो बताती हैं कि तब रिकॉर्डिंग बिलकुल पारिवारिक तौर पर हुआ करती थी । जब लाता दीदी अपनी रिकॉर्डिंग के लिए आगे गईं, तो उन्होंने गीता दत्त और शमशाद बेगम जी के पैर छुए और उनका आशीर्वाद लेकर वो गाना गाया।

 

 

 

 

उन्होंने गीता दत्त और शमशाद बेगम जी के पैर छुए और उनका आशीर्वाद लेकर वो गाना गाया।
उन्होंने गीता दत्त और शमशाद बेगम जी के पैर छुए और उनका आशीर्वाद लेकर वो गाना गाया।

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एक सवाल का जवाब जो सब जानना चाहते हैं, वो ये कि लता जी सिंदूर क्यों लगाती थीं । तबस्‍सुम जी ने इसका भी जवाब दिया । उन्‍होंने बताया कि, जब मैं बड़ी हो गई थी, तो एक दफा मैंने लता जी से एक सवाल किया था कि दीदी आप तो कुंवारी लता जी हैं, आपकी शादी तो हुई नहीं हैं.

तबस्‍सुम जी ने सिंदूर लगाने की कहानी
तबस्‍सुम जी ने सिंदूर लगाने की कहानी

.आप श्रीमती लगाती नहीं. तो जवाब में भी उन्होंने कहा कि हां, मैं तो कुंवारी लता मंगेशकर हूं.तो मैंने पूछ लिया कि दीदी जो आपकी मांग में सिंदूर है, वो फिर किसके नाम का है, तो उन्होंने जवाब दिया कि संगीत के नाम का है ।

दीदी जो आपकी मांग में सिंदूर है, वो फिर किसके नाम का है, तो उन्होंने जवाब दिया कि संगीत के नाम का है ।
दीदी जो आपकी मांग में सिंदूर है, वो फिर किसके नाम का है, तो उन्होंने जवाब दिया कि संगीत के नाम का है ।

आप ही बताएं कि ये कितनी गहरी बात है ।लाइव शोज की यादे तबस्सुम ने बताया कि आगे चलकर उन्‍हें लता जी के साथ कई लाइव शोज करने का भी मौका मिला । लता जी अपने हुनर की कितनी पक्‍की थी