महाराष्ट्र : भाजपा के 12 MLA एक साल के लिए सदन से निलंबित, आरक्षण के मुद्दे पर हुआ हंगामा

आज महाराष्ट्र में विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ था, और पहले ही दिन वह ज़बरदस्त हंगामा हो गया, जिसके चलते स्पीकर ने भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए सदन से स्थगित कर दिया है|

निलंबित होने पर भाजपा नेता शैलार बोले – स्पीकर ने नो बॉल पर मेरा विकेट लिया है, अब मैं दोनों हाथों से बॉलिंग करूंगा

इस मामले पर विधानसभा में कार्यवाहक स्पीकर का पद संभाल रहे भास्कर जाधव का कहना है कि जब सदन को स्थगित करने के बाद विपक्षी नेता मेरे कैबिन में आये और तो विपक्ष के नेता मेरे कैबिन में आए और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस और वरिष्ठ बीजेपी नेता चंद्रकात पाटिल के सामने मुझसे बदतमीजी करने लगे|

इसके जवाब में विपक्षी नेताओं ने भी यह आरोप लगाया है कि कार्यवाहक स्पीकर भास्कर जाधव ने भी उनके साथ बुरा बर्ताव करा| बात इतनी बढ़ गयी है कि स्पीकर जाधव ने पूरे मामले की संसदीय कार्यमंत्री से जांच की मांग की है|

आशीष शैलार बोले सरकार ने नो बॉल पर विकेट लिया है

आशीष शैलार जो कि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे चुके हैं और अभी भाजपा नेता के पद पर हैं, वह भी निलंबित हुए सदस्यों में से एक हैं| उनका कहना है कि इस सरकार ने तो तालिबान को भी शर्मिंदा कर दिया| शिवसेना के नेता स्पीकर के चैंबर से मर्यादाओं की उलंघना करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे, फिर भी भाजपा नेता स्पीकर के पद की मर्यादा को समझते हुए माफ़ी मांग ली| उन्होंने खा कि शिवसेना के नेताओं में मेरा सामना करने की हिम्मत नहीं है| आशीष शैलार सिर्फ छगन भुजबल द्वारा पीएम मोदी को लेकर कही गई बातों को ठीक करने की कोशिश कर रहे थे |

अपने स्थगित होने पर प्रतिक्रिया देते हुए आशीष शैलार बोले इस सरकार ने नो बॉल पर मेरा विकेट लिया है, और अब मैं दोनों हाथों से बॉलिंग करूंगा|

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस मामले पर बोले – हमारा संघर्ष जारी रहेगा

देवेंद्र फडणवीस ने पूरे मामले में प्रतिक्रिया देते हुए बोलै है कि सरकार ने विधायकों के हंगामे की झूठी कहानी बनाई और उन्हें एक साल के लिए स्थगित कर दिया| उन्होंने बताया कि भाजपा के नेताओं की स्पीकर से कुछ तीखी बहस हो गयी थी, जिसके लिए आशीष शैलार ने स्पीकर से माफ़ी भी मांग ली थी, लेकिन बाद में सरकार ने उनकी पार्टी के 12 नेताओं को स्थगित कर दिया|

बता दें ये पूरा मुद्दा आरक्षण का था, जब सदन में ओबीसी आरक्षण पर चर्चा चल रही थी | विपक्ष का कहना है कि उनको अपनी बात रखने का पूरा मौका नहीं मिला जिसके बाद विधायकों की स्पीकर से बहस हुई थी|