नौ महीनो तक एक बक्से में छुपाए गए करोड़ों रूपये!

आज की इस बढ़ती महंगाई को देख लोग सिर्फ दो ही दुआ करते है या तो यह बढ़ती मंहगाई रुक जाए या उनकी लॉटरी लग जाए क्योंकि लिमिटेड आमदनी से घर का खर्चा चलाना काफी मुश्किल हो जाता है खासकर के मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए । अब आप सोचिए की आप रोज़ की तरह ही साधारण तरीके से ऑफिस गए और आपको ऑफिस में करोड़ो रूपयों से भरा एक बैग मिले तो आप क्या करेंगे । कुछ इसी प्रकार का किस्सा हुआ है न्यू यॉर्क में रहने वाले एक शक्स के साथ । आइए आपको बताते है पूरा किस्सा ।

कैसे मिला यह पैसों से भरा बैग?

यह किस्सा है न्यू यॉर्क में रहने वाले एक प्रोफेसर का जिनका नाम है विनोद मेनन । विनोद ने बताया की वह एक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है और भौतिकी और गडित पढ़ाते है । उन्होंने बताया की कारों महामारी के चलते न्यू यॉर्क में सभी कॉलेजेस और स्कूल बंद करवा दिए गए थे जिसके बाद ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा चालू हो गई थी । यानी की कॉलेज पिछले नौ माह से बंद पड़ा था और कॉलेज में किसका का भी आना जाना नही था । लेकिन अब जब करोना की समस्या धीरे धीरे कर के सुलझ रही है और केसेस भी आने बंद हो गए है इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया था की स्कूल और कॉलेजेस भी खुल जाए । जब कॉलेजेस वापस से खुले तो विनोद मेनन पहले की ही तरह कॉलेज गए पर ऑफिस में जाके उन्होंने देखा की काफी लेटर्स और कुरियर इतने महीनो से जो आ रखे है किसीने देखे नही है तो वह खुद ही उन चीज़ों को देखने लगे और ऑफिस साफ करने लगे ।

आखिर किसने छुपाया था यह करोड़ो रूपयों वाला बैग?

जब विनोद ऑफिस की सारी चीजे देखने लगे तो उन्होंने अपना काम शुरू करने से पहले इतने महीनो से आए हुए खत और कुरियर समान को देखने को सोचा । जब उन्होंने एक एक करके चीज़ देखनी शुरू करी जब उन्होंने एक बैग भी पाया और जब उन्होंने वह बैग खोल के देखा तो देखते ही चौक उठे क्युकी वह बैग कोई मामुली बैग नही बल्की नोटो की गड्डी से भरा हुआ बैग था । जब उन्होंने वह गड्डियों की गिनती शुरू करी तब उन्हे पता चला की इस मामूली से बैग में लग भग डेढ़ करोड़ रुपए थे और उन्ही पैसों के साथ था एक नोट जब उन्होंने वह नोट पड़ा तो उन्हे पता था की यह पैसों से भरा बैग नौ महीने पहले उन्ही के एक शिष्य ने उनके लिए भेजे थे । उनके शिष्य अब किसी प्रतिष्ठित जगह पर नौकरी कर रहे है और वह यही मानते है की आज वह जिस मुकाम पर है उसका श्रेय उनके अध्यापकों को ही जाता है इसलिए वह यह चाहते है की कॉलेज के बाकी सारे विधवर्थी भी अच्छे से बिना किसी संकोच के अच्छी शिक्षा ग्रहण कर पाए इसलिए उन्होंने कॉलेज की विद्यार्थियों की सहायता के लिए उतने पैसे भिजवाए ताकि इन बचो का भी भविष्य उज्वल हो सके ।