अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. इसी बीच तेल कंपनियों ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतें जारी कर दी हैं, लेकिन जनता के लिए राहत की बात ये रही कि कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये लीटर और डीजल 89.62 रुपये लीटर में बिक रहा है. 21 मई को सरकार की तरफ से उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई थी. जिसके बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट दर्ज हुई थी. पेट्रोल 9 और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा सस्ता हो गया था और इनके दाम तभी से स्थिर बने हुए हैं. आइए जानते हैं कि आपके शहर में पेट्रोल और डीजल के आज के दाम क्या है. दरअसल अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैट और माल ढुलाई शुल्क के आधार पर अलग होती हैं.
शहर पेट्रोल डीज़ल
दिल्ली 96.72 89.62
कोलकाता 106.03 92.76
मुंबई 111.35 97.28
चेन्नई 102.63 94.24
नोएडा 96.79 89.96
लखनऊ 96.79 89.76
पटना 107.24 94.04
जयपुर 108.48 93.72
कैसे तय होती हैं पेट्रोल की कीमत!
अंतरराष्ट्रीय कच्चा तेल बाजार के दामों के मुताबिक हर रोज ईंधन तेल के घरेलू दाम संशोधित होते हैं.वहीं कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बावजूद दाम नहीं बढ़ने की वजह से ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली निजी क्षेत्र की जियो-बीपी और नायरा एनर्जी जैसी कंपनियों को डीजल की बिक्री पर प्रति लीटर 20 से 25 रुपये और पेट्रोल पर 14 से 18 रुपये का नुकसान हो रहा है. इन कंपनियों ने पेट्रोलियम मंत्रालय को इस बारे में पत्र लिखा था और सरकार से एक व्यवहार्य निवेश वातावरण बनाने के लिए कदम उठाने की मांग की थी. फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (एफआईपीआई) ने 10 जून को पेट्रोलियम मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा था कि पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर नुकसान से खुदरा कारोबार में निवेश सिमट जाएगा.
क्या है पेट्रोल की असली कीमत!
मुंबई में केंद्र सरकार में एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद पेट्रोल का दाम 111.30 और डीजल 97.20 प्रति लीटर हो गया था। महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 32.15 रुपये और डीजल पर 22.26 रुपये VAT लेती है। उद्धव सरकार ने इसी VAT में कमी की घोषणा की है। पेट्रोल का VAT प्रति लीटर 2 रुपये 8 पैसे और डीजल में 1 रुपये 44 पैसे की कमी के बाद मुंबई में पेट्रोल का दाम 108.5 रुपये और डीजल की कीमत 95.76 रुपये हो गई. महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने से राज्य के खजाने पर सालाना 2500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। VAT में कमी करने से पेट्रोल पर एक महीने में 80 करोड़ और डीजल में 125 करोड़ की आय कम होगी।