मुश्किलों भरा रहा है रेमो डिसूजा का जीवन!

एक समय में हीरो हीरोइन के पीछे खड़े होकर डांस करने वाले रेमो डिसूजा को आज कौन नहीं जानता. रेमो भारत के प्रसिद्ध कोरियोग्राफर में से एक है, अनेक डांस स्टाइल के साथ इनकी महारथ लॉकिंग पॉपिंग और हिपहॉप डांस स्टाइल में अधिक है. अपने बेहतरीन डांस स्टाइल के द्वारा इन्होने भारतीय सिनेमा में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है. कई ऐसी फिल्में है जिनमें इनके द्वारा कोरिओग्राफ किये गानों ने भरपूर सफलता हासिल की. रेमो केवल डांस तक सीमित ना रहकर एक्टर, फिल्म डायरेक्टर और अब एक निर्देशक भी बन चुके है.

जीवन में रहा संगर्ष!

इन्होने कई टीवी कार्यक्रम भी जज कियें और छोटे परदे के द्वारा हर घर में अपनी पहचान बनाई हैं.वह बचपन से ही माइकल के डांस मूव्स को देखकर उसमे अपने स्टेप्स खुद कोरियोग्राफ कर सीखते थे। पैसे की तंगी के चलते उन्होंने अपनी डांस क्लास सुपर ब्रैट्स खोली। और लोगो को डांस सिखाने लगे। शुरूआती दौर में रेमो को इस क्षेत्र में बहुत संघर्ष करना पड़ा। एक बार तो उनके पास पैसे की इतनी तंगी आ गयी थी की उन्हें अपनी दो रातें बिना कुछ खाए-पिए स्टेशन पर गुजारनी पड़ी। लेकिन कहते हैं ना हर काली रात के बाद एक नई सुबह होती है, कुछ ऐसा ही रेमो के साथ भी हुआ। संघर्ष के दौरान ही एक डांस कम्पटीशन आयोजित हुआ जिसमे रेमो की टीम ने जीत कर वंहा बाजी मार ली, और लोगो को उनका हुनर भी दिखाई दिया। इसके बाद रेमो की किस्मत चमक उठी, उन्हें बतौर डांसर पहला मौका आमिर खान और उर्मिला मांतोडकर स्टारर फिल्म रंगीला से मिला।

देखे मुश्किल दिन!

इस फिल्म में उनके डांस को आलोचकों ने भी नोटिस किया और उनकी तारीफ की। इस फिल्म के बाद वह कोरियोग्राफर अहमद खान को असिस्ट करने लगे। एक साल बाद उन्होंने खुद एक स्वतंत्र प्रोजेक्ट करने की सोची और उन्होंने अभिनव सिन्हा के निर्देशन में सोनू निगम का एल्बम दीवाना कोरियोग्रफ किया, जो उस दौरान काफी हिट साबित हुआ, उसके बाद उन्होंने कई और बड़े निर्देशकों के साथ वीडियो एल्बम में काम किया। उनके करियर का टर्निंग पॉइंट फिल्म कांटे का आइटम सांग इश्क समंदर रहा, जो उन दिनों बेहद हिट रहा था, और उसके बाद हिंदी सिनेमा में लोगों ने रेमो की काबलियत को पहचाना।