बाढ़ की वजह से जूझ रहे गोरखपुर जिले की कहानी तो सभी आजकल सुन रहे हैं, लेकिन जो लोग असल में यहां रहे रहे हैं, उनकी ज़िन्दगी बहुत ही ज़्यादा प्रभावित हुई है| बाढ़ का पानी जिले के कुछ इलाकों में इतना भर गया है की लोग बेघर तक हो गए हैं| लेकिन इन कठिन परिस्तिथियों में भी हार न मानने वाली संध्या की कहानी बहुत ही ज़्यादा प्रेरणात्मक है| संध्या की कहानी एक उदाहरण है की जब मन में संकल्प दृढ़ हो, कुछ कर दिखाने की चाह हो तो इंसान किसी भी विषम परिस्तिथि में भी हार नहीं मानता| आइये जानते हैं बाढ़ को भी हराकर अपने सपनों को पूरा करने की चाह रखने वाली संध्या की कहानी|
बाढ़ के आगे भी नहीं झुकी, संध्या नाव खुद चलाकर पहुँचती है स्कूल
हम सभी जानते हैं की उत्तर प्रदेश राज्य का गोरखपुर जिला बाढ़ से बहुत ही ज़्यादा पीड़ित है| इस बाढ़ की वजह से जब लोग घर से बेघर हो चुके हैं, वे पूरी तरह टूट चुके तो एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जो लोगों के लिए एक उदहारण कायम कर रहा है, की अगर मन में विश्वास हो और कुछ कर दिखाने की लगन हो तो कोई भी किसी भी मुश्किल परिस्तिथि में हो वह अपने लिए रास्ते निकल ही लेता है और अपने सपनों को पूरा करने की ओर बढ़ता जाता है| ऐसी ही कहानी है संध्या निषाद की, जो इस बाढ़ प्रभावी क्षेत्र की एक नागरिक हैं, लेकिन संध्या के सपने बड़े हैं, इसीलिए इन विषम परिस्तिथियों में भी वह रोज़ 250 मीटर दूर नाव चलाकर स्कूल जाती हैं|
पढ़ लिखकर करना चाहती है नौकरी
संध्या पढ़ लिखकर नौकरी करने चाहती हैं| इसीलिए संध्या के लिए पढ़ना लिखना बहुत ज़रूरी है| 11वीं कक्षा में पढ़ रही संध्या के पास क्योंकि स्मार्टफोन नहीं है तो वह ऑनलाइन क्लास नहीं ले सकती|जब स्कूल खुले तो संध्या के क्षेत्र में बाढ़ आ गयी| क्योंकि अब और कोई साधन स्कूल तक पहुँचने का नहीं बचा तो संध्या ने स्कूल पहुँचने के लिए नाव का सहारा लिया|
क्योंकि संध्या ने छः साल पहले नाव चलना सीखी थी, तो अब वह नाव खुद चलाकर स्कूल पहुँचती है, और मन लगाकर पढ़ती है, ताकि वह एक दिन अपने पैरों पर खड़ी हो सके|