दिग्गज अभिनेत्री सायरा बानो मंगलवार को अपने दिवंगत पति अभिनेता दिलीप कुमार के लिए भारत रत्न डॉ. आंबेडकर अवार्ड लेते हुए भावुक हो गयी। जुलाई 2021 में दिग्गज अभिनेता के निधन के 55 साल पहले सायरा और दिलीप की शादी हुई थी। उन्हें अपना ‘कोहिनूर’ (हीरा) कहते हुए, अभिनेत्री को अपने दिवंगत पति की ओर से पुरस्कार स्वीकार करते देखा गया था। भारत रत्न के बारे में बात करते हुए, सायरा ने कहा, “ऐसा होना चाहिए, क्योंकि दिलीप साहब हिंदुस्तान के लिए ‘कोहिनूर’ रहे हैं। इसलिए ‘कोहिनूर’ को निश्चित रूप से भारत रत्न मिलना चाहिए।” उन्होंने दोहराया, “वह अभी भी यहाँ है। वह मेरी यादों में नहीं है, मेरा मानना है कि यह सच है कि वह हर कदम पर मेरे साथ है, क्योंकि इसी तरह मैं अपना जीवन जी सकूंगी। मैं कभी नहीं सोचूंगी कि वह नहीं है यहाँ। वो मेरे पास हैं, हमशा मेरा सहारा बनके रहेंगे।
क्यों नहीं देखती सायरा बानो दिलीप कुमार की फिल्में
कुछ साल पहले अपने एक साक्षात्कार में, सायरा ने कहा था, “मेरे लिए, यह हमेशा साब था, कोई और नहीं। मैं उस समय से उनकी प्रसंशक हूँ जबसे मुझे याद है। किशोरावस्था में ही मैं उनकी पत्नी बनना चाहती थी। मैं बहुत हठी हूं और एक बार जब मैंने अपना मन बना लिया, तो मुझे कोई रोक नहीं सकता था। मुझे पता था कि कई खूबसूरत महिलाएं साब से शादी करना चाहती हैं, लेकिन उन्होंने मुझे चुना।
दिलीप कुमार को सायरा कहती हैं बॉलीवुड का कोहिनूर
यह मेरा सपना सच हो गया था और यही मेरी शादी रही है, एक आदर्श सपना। साब की देखभाल करते हुए, उनका जीवन और उनका घर स्वाभाविक रूप से मेरे पास आता है। साब ने मुझे कभी अपना करियर छोड़ने के लिए नहीं कहा। वास्तव में, उन्होंने मुझे शादी के बाद भी करियर जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। लेकिन, कुछ समय बाद मेरा दिल मेरे करियर में नहीं था। मैं बस साब का ख्याल रखना चाहती थी। हमारी शादी मेरे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज है। वह किसी से भी शादी कर सकते थे, जिस भी महिला को वह चाहते थे। लेकिन उन्होंने मुझे चुना। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं। मैं हमेशा उन्हें फिल्म इंडस्ट्री का कोहिनूर कहती हूं। मैं भाग्यशाली हूं कि इतने सालों तक उनके इतने करीब रही।
वह आगे कहती हैं, ‘मैं एक बेहतर जीवन नहीं चुन सकती थी। मैं अपने लिए किसी और जीवन की कल्पना नहीं कर सकती। मुझे लगता है कि अगर मुझे उनकी पत्नी बनने के लिए चुना गया, तो मुझे विशेष होना चाहिए। उनकी बीवी होने के लिए कैलिबर होनी चाहिए। लेकिन गंभीरता से, सभी भारतीय पत्नियां अपने पतियों की देखभाल करती हैं। मैंने अपने परिवार में महिलाओं को अपने पति के प्रति समर्पित होते देखा है। मैं इसे देखते हुए बड़ी हुई हूं।”