मधुबनी जिले के किसान मनोज ठाकुर के लिए यह किसी सपने के सच होने से कम नहीं था, जब उनके बेटे मुकुंद कुमार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के पहले प्रयास में 54वीं रैंक हासिल की| मधुबनी के भटचौरा पंचायत के बरुआर गांव के मूल निवासी ठाकुर अपने बेटे की इस कामयाबी से बहुत खुश हैं।
किसान के बेटे ने कड़ी मेहनत से की यूपीएससी परीक्षा पास, और बने आईएएस अधिकारी
दिल्ली विश्वविद्यालय से एक अंग्रेजी ऑनर्स डिग्री धारक, मुकुंद ने अपनी प्राथमिक स्कूली शिक्षा मधुबनी जिले के राजनगर औसिया शारदा विद्यालय से पूरी की। फिर उन्होंने असम में सैनिक स्कूल, गोलपारा के लिए प्रवेश परीक्षा पास की। उनके पिता के अनुसार, मुकुंद पड़ोस के किसी भी लड़के की तरह एक औसत छात्र थे, लेकिन उन्होंने हर शैक्षणिक परीक्षा में अंकों में प्रथम श्रेणी हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद मुकुंद स्नातक पाठ्यक्रम के लिए दिल्ली चले गए।
मुकुंद ने बीपीएससी परीक्षा भी पास की
मुकुंद ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 64वीं संयुक्त प्रतियोगी मुख्य परीक्षा भी पास की थी, इसके अलावा उन्होंने 65वीं बीपीएससी प्रीलिम्स के लिए पेपर भी लिखा था। वे चार भाई बहन हैं, जिनमें उनसे ऊपर तीन बहनें हैं, और तीनो की शादी हो चुकी है|
यूपीएससी में उनका मुख्य पेपर राजनीति विज्ञान था। मुकुंद दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे और एक सस्ते आईएएस कोचिंग संस्थान की तलाश करते हुए, उन्होंने एक ऐसे संस्थान में प्रवेश लिया, जिस पर अभी तक अपने छात्रों को प्रीलिम्स में सफलता प्राप्त कराने का श्रेय नहीं था| इस कोचिंग संसथान से मुकुंद ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने आईएएस बन परिवार का मान तो बढ़ाया ही, और साथ में उस संसथान को भी एक नई पहचान दिलाई। मुकुंद की माँ, ममता देवी अपने इकलौते बेटे की कामयाबी से बहुत खुश हैं, और गौरवान्वित महसूस कर रही हैं|