बस ऑपरेटर संघ का आक्रोश अब बढ़ता जा रहा है, देश के अन्य प्रदेशों ने अपने यहां के बस ऑपरेटरों को टैक्स में छूट दे दी है, लेकिन मप्र सरकार ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। इधर प्रदेश सरकार की हठधर्मी के खिलाफ अब बस ऑपरेटर यूनियन भी अपना कदम उठाने जा रही है। सोमवार को बस स्टैंड पर बस आपरेटरों की एक महत्वपूर्ण पूर्ण बैठक बस यूनियन जिलाध्यक्ष शंकर लाल राय व सचिव शमीम कुरैशी के नेतृत्व मेंं आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो 25 जून को जिले के सभी बस ऑपरेटर अपनी बसों व समस्त कागजात जिला परिवहन ले जाकर खड़ी कर देंगे।
क्यों बंद हो रही है बस सेवा?
दरअसल बस ऑपरेटर यात्री बसों का 6 माह का टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं। लॉकडाउन से अब तक उनकी बसें नहीं चल रही हैं, लेकिन उन्हें टैक्स अदा करना पड़ेगा। लॉकडाउन अवधि का बीमा आगे बढ़ाने की मांग की जा रही है। वाहनों के नानयूज के फार्म की सीमा समाप्त माफ करने की मांग की जा रही है। डीजल के दामों में वृद्धि होने के कारण किराए में वृद्धि की जाए। चालक, परिचालक व हेल्पर को शासन 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि उनके खातों में जमा करे।
क्या है बस सेवा के यूनीयन की मांगे?
यूनियन सचिव शमीम कुरैशी का कहना है कि मप्र सरकार द्वारा बस ऑपरेटरों के संबंध में मानवीय दृष्टिकोण नहीं अपनाया जा रहा है, बसों का संचालन नहीं हुआ लेकिन टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि अन्य राज्यों ने टैक्स माफ करने की घोषणा की है। जिस पर बस ऑपरेटरों ने अपनी बसें व कागजात परिवहन कार्यालय में सरेंडर करने का निश्चय किया है। यदि 24 जून तक सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो वह 25 जून को अपनी बसें परिवहन कार्यालय में ले जाकर खड़ी कर देंगे।आंदोलन स्थगित होने के बाद समस्याओं का समाधान करने का प्रयास तक नहीं किया जाता है। यूनियन ने कर्मचारियों की मांगो को लेकर 24 जून के माध्य रात्रि 12 बजे से 25 जून की मध्य रात्रि 12 बजे तक रोडवेज का चक्का जाम करने का फैसला लिया है। आंदोलन को सफल बनाने के लिए दो जून को मंडल के सभी शाखा के पदाधिकारियों की बैठक मुरादाबाद में बुलायी गई है।