उर्फी जावेद ने बयां किया अपना दर्द, बोली मेरे पिता ने मेरे साथ शारीरिक

बिग बॉस ओटीटी से बाहर आने के बाद उर्फी जावेद एक इंटरव्यू के लिए सामने आयीं, जिसमें उन्होंने अपने बचपन के मुश्किल वक़्त के बारे में सभी को बताया. उन्होंने बताया की कैसे अपने ही पिता की वजह से वो निराशा और मानसिक प्रताड़ना से गुजरी है.उर्फी ने अपने बचपन के दर्द के बारे में खुलकर बात की, और उन्होंने बताया की कैसे पहले वो डरी सहमी सी लड़की थीं, लेकिन कैसे उन्होंने अपने जीवन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया और उसके बाद उर्फी आज जो कुछ भी हैं वो सभी के सामने है. भले ही आज सभी उर्फी को उनके कपड़ों की वजह से खूब ट्रोल करते हैं, लेकिन इस बात से भी कोई मुँह नहीं मोड़ सकता की इस अभिनेत्री ने जीवन में बहुत कुछ सहा है.

एक इंटरव्यू में साझा किया उर्फी ने अपना दर्द, बोलीं पिता ने दो साल तक शारीरिक सम्बन्ध बनाये

उर्फी ने कहा कि जब वह 11वीं कक्षा में थी, तोउनके एक साथी ने उनकी तस्वीर एडल्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दी थी. लेकिन जब उर्फी ने इस बारे में अपने परिवार के लोगों को बताया तो उनके परिवार वालों ने उन्हें गलत समझा और उनकी मदद नहीं की. उन्हें सबके सामने अपनी बात रखने तक का भी मौका नहीं मिला. उन्होंने बताया की कैसे उस वक़्त उन्हें ही इस सब का जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. उनके घरवालों को लगा कि उर्फी सभी से छिपकर एकदम गुपचुप तरीके से पोर्न स्टार बनकर काम कर रही हैं.

उर्फी को समझने की जगह परिवार वालों ने उन्हीं को ठहराया ज़िम्मेदार

बता दे की वह उर्फी के लिए काफी मुश्किल वक्त था जब उनका साथ देने की बजाय उनके परिवार ने उन्हें ही जिम्मेदार समझा. उर्फी आगे बताती हैं की उन्हें बात करने तक की भी इजाजत नहीं थी. उनके खुद के पिता ने तक उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. उन्होंने बताया कि उनके परिवार वालों को उनके बैंक खाते की जांच करनी थी. उन्होंने बताया की परिवार को लगा की व्यस्क इंडस्ट्री में काम करके उर्फी के पास बहुत पैसा आ रहा है.

परिवार ने उन्हें दो साल तक घर में बंद रखा, और उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया. लेकिन जब उर्फी को यह एहसास हुआ तो उन्होंने तुरंत घर छोड़ दिया, और अपनी दो बहनों को भी अपने साथ ले गयीं. इसके बाद उनके पैक और शादी कर ली तो माँ और दो और भाइयों की ज़िम्मेदारी भी उनपर आ गयी. लेकिन इस सबमें एक ही चीज़ सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है की उर्फी ने कभी हार नहीं मानी.